दर्द की तुम पहली सौगात हो ऐ जिंदगी !
जो ले आए हो मुठ्ठियाँ बँद करके मेरे लिए।
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18 APR 2021 AT 17:34
22 JUL 2019 AT 8:16
तुझे देखूं तो दिन निकलता है
तुझे सुन के अज़ान होती है।
तू जो चाहे तो जी उठे हम
तेरी मुट्ठी में जान होती है।-
13 JUN 2019 AT 17:16
मुठ्ठी बाँध के आया जग में
हाथ पसारे जायेगा
किसकी खातिर की मेरी मेरी
ये सोच अंत में पछतायेगा-
3 MAY 2020 AT 15:58
ye haatho me kismat ki lakiren v kya ajeeb hoti hai n..... mutthi me band to ho jati hai, magrrr kaabu me nhi aati...
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