अजनबी राहों पर चलकर मुझे कोई अपना मिल गया उसकी मुस्कुराहट को देखकर मैं अपने सारे गम भूल गया वो कहती थी मुझसे, तुम मुझे छोड़कर तो न जाओगे मैंने भी कह दिया उसे, सफर अपना लंबा है तुम साथ तो निभाओगे
हूं मुझे याद है अभी तक मोहतरमा पहली, बार अपनी मुलाकात यहीं पे अस्सी घाट में, हुई थी जब तुम मुझे देख कर सरमाई गई, थी और अपने नजरें झुका कर हम दोनो, ने मुस्कुराई थी... ♥️🖤♥️