QUOTES ON #MURSHID

#murshid quotes

Trending | Latest
12 MAR 2021 AT 10:51

मशरूफ था मैं कबसे गमों के शहर में,
ये बदकिस्मती पीछा क्यों नहीं छोड़ती।
मै ख्वाब बुन रहा था इन सबसे हट के,
बुरे वक्त की यादें क्यूं नहीं ढलती।
जुनून की क्या बात करें तुमसे मुर्शिद,
नशा था जो टूट गया और कोई नशा नहीं।
परिंदे से पूछो बेघर होने का सबब,
ना उड़ने में रहा ना ही घर गया कभी।
अपनों ने ही पत्थर उछाले ना जाने क्यों,
और मुझसे उम्मीद उड़ने की कर बैठे वो।
मेरे मर्ज की दवा बस लिख जाना है,
ये ख्वाब जुनून ना बने यही मेरा दवाखाना है।

-


12 AUG 2021 AT 0:28

मुर्शिद उससे कहना कि उससे मिलना है हमें,
मुर्शिद ये भी कहना कि फ़क़त आख़री बार..!!

-


14 NOV 2021 AT 22:00

सुनो सुनकर जाओ
मुर्शिद
तुम तो बस मेरे हो
मुर्शिद
😀😀वरना

-


20 SEP 2021 AT 22:21

तुझे खुदा से मांगा बहुत
मुर्शिद 😔
मालूम नहीं था तू नसीब मे नहीं है
मुर्शिद 😔😔

-


20 JUN 2021 AT 18:43

To my beloved ( Murshid ) -

In Laraztii , Afsurda Nigaaho.n se

Aakhir kab tak Door rahenge Wo !

Do-chaar ashqo.n ke raqs karne se

Mehboob ke jaanib khiche aayenge

Maana dil naashaad hai, nagawar hai

magar aaj bhi ye muntazir hai Unka

Kuch sawaal hain jo sone nahi dete

Kuch jawaab neend ke jaanib le jayenge

-


17 JUN 2021 AT 17:50

धरिणि स्वर्ग था भारत देश,
दुख का जहाँ नहीं लवलेश |
आज विपुल प्राकृत वैभव का,
कर विध्वंश सह रहा क्लेश ।।
जम्बु द्वीप की गौरव गाथा,
भूल गए जड़ अज्ञानी।
नष्ट कर रहे प्रकृति सम्पदा,
और कर रहे मनमानी,
विपुल विनाशक यंत्रो से,
वसुधा का उर विदीर्ण करते ।।
सत्तत पिपासा लिए सकल,
मृग तृष्णा का अनुगंम करते ।।
क्षिती- जल - पावक-गगन -समीर,
इन्हें बचा ले मानव वीर |
रहें प्रदूषण मुक्त सकल,
कर यत्न सफल ऐसे गति धीर।।

-


9 SEP 2020 AT 23:29

चाहता हूं तुझे इस कदर की फिर कभी ये मौका मिले न मिले,
तुझसे तो है सारी रौनकें मेरी जैसे तुझ में मुझे खुदा मिले।
और तेरे दिल में मुझे एसी उमर् क़ैद मिले के मुर्शीद....
थक जाए वकील पर मुझे जमानत न मिले।।

-


7 MAR 2022 AT 16:51

"बहाना एक दिन का ही अच्छा लगता है मुर्शद
रोज रोज के बहाने सर चढ़ने लगते हैं..!!🥀💯💯

-



अगर इश्क़ की तालीम मिलती तो,
हर टूटा दिल यहाँ 'मुर्शिद' होता।

-


14 SEP 2021 AT 17:54

मुर्शिद से किस बात के लिए खफ़ा रहूँ
ना वो मेरा था और ना मैं उसकी हूँ!
-अनुपमा वर्मा

-