तुम्हारी किसी बातों का अभी कोई ज़वाब नहीं है मेरे पास,
तुम ही हो दिल के अंदर, ये कहने को अल्फ़ाज़ नहीं है मेरे पास,
मैं, तुम, एक छोटी-सी दुनिया, और बहोत सारी ख़ुशी
बस इतने से ही हैं, कोई ज़्यादा ख़्वाब नहीं है मेरे पास..
तेरी ही तरह बहला सकती, मैं भी 101 तरीकों से तुम्हें,
मग़र क्या करूँ ज़ालिम, तेरी वो किताब नहीं है मेरे पास.
आओ, थोड़ा प्यार दो, जब मेरे बन गए तो चले जाओ,
मैं बुरी जरूर हूँ मग़र तेरे ये जैसे अंदाज़ नहीं है मेरे पास..
हाँ, चलो झूठा ही सही प्यार तो नज़र आया तुम्हें मेरी नज़र में,
नहीं मानना तुम्हें तो मोहब्बत का मेरी कोई हिसाब नहीं है मेरे पास..!
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