Me sirf usi se mukhlis hu...
Me hr ek ki deewani nhii hotii...-
हम पे बेईमानी का इल्ज़ाम ना लगाना
हम मुख़लिस हैं बहुत, सौदाई का सामान न बनाना
ہم پے بےامانی کا الزام نہ لگانا
ہم مخلص ہیں بہت سودائی کا سامان نہ بنانا-
main ne ' chaha ' koi tohfa ' dun tujhko
mere paas ' wafa'on ' ke sewa ' kuch bhi nhi
zindagi bhar ' na pade ' gum ' ka saaya ' tujh par
mere pass ' dua'on ' ke sewa ' kuch bhi nhi-
बज़्म-ए-ज़िंदगी में आदत ने मेरी
मुख़लिस हो कर भी यही दिया है
ख़िलाफ़-ए-मस्लहत फ़ितरत ने तेरी
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दिल तो है मोहब्बत किसी से नहीं
सब खुद गर्ज निकला मुखलिस कोई नहीं-
फिर से आज,
मोहब्बत का घरौंदा टूटा है,
मुखलिसि का परिंदा रूठा है,
आँखों में दर्द की किर्चियाँ
चुभ रही हैं,
मन आँसुओं से भींग रहा है।।-
सुनो! तुम अपने नियतों को साफ कर लो
और अपने दिलों को मुख़लिस बना लो
वरना, जिस भी चीज की चाहत रखते हो
वो आखों से हो कर गुज़र जाएगी!-
Koi safar mushkil nhi.......
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Agar hamsafar mukhlis ho to
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Khalis nahi hun,,,,,,, main apni zaat mai.
Haan ,,,,,,,,,,
Mukhlis hi sahi,,,,,,, mizaaj mai hum....
खालिस नहीं हूँ,,,,,, मैं अपनी ज़ात मे।
हाँ ,,,,,,,,
मुख्लिस ही सही ,,,,,,मिज़ाज मे हम।।।-