इश्क़ हमें अधूरा ही चाहिए,
मुकमल आशिकी अखसर धोखा दे जाती हैं !-
नफरत तो नहीं पर हां, तुझ पे ऐतबार भी ना रहा
मुकम्मल मेरा इश्क भले हो मगर वह इश्क पे गुमान ना रहा-
इश्क़ में ग़म तो हजारों झेल गया ये दिल मेरा
पर जाने क्यों अब भी मुकम्मल इश्क़ ढूंढता है-
क्या बताऊ जबसे ये मुकम्मल इश्क़ हो गया ..☺
वो गुस्से वाला में ना जाने कहा खो गया ....❤-
इश्क़ जब भी होता है मुकम्मल ही होता हैं
इकतरफा,दोतरफा
तो बस ख्वाइशे होती हैं-
चाहिए था तुम्हें इश्क़ अधूरा इसलिए तुमसे दूर हो गए,
कहीं कह न दो धोखेबाज, नामुकम्म्मल आशिकी में मशहूर हो गए!!
-Bharti Gupta ✍️-
Jo mukkamal na hua wo ishq hi dusra tha,
log taazmahal deakhne jaate hai,
mukkamal ishq nhi....-
पिन्हां दिल में,एहसास हैं तेरे
बस ज़िंदगी का असबाब यही है..
रोटियाँ जल जाती है अब, अक्सर ही मुझसे
शायद मुकम्मल इश्क़ का हिसाब यही है...
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Qatl Kar Ya Kar Ishq Mukammal Ham Se....
Dono Hi Surat Men Tere Name Se Fanaa Hona Hai !-
इश्क की परिभाषा हर किसी को कहाँ समझ आयी,
जो समझे इश्क उसका ख़ुदा,जो न समझे वो करे रुशवाई ...-