Life's goal is just simple..!
Just go with the flow..!-
तुम्हारे ही इंतजार में बीती जाए संध्या की वेला,
साहेब से मुलाकात के लिए दिन भर दुःख झेला।
हम जानते हैं तुम्हारे पास है इंसानों से भरा मेला,
नक्की झील की संध्या में बैठा एक पंछी अकेला।।-
तुझे साथ आना होगा...
तभी सफ़र सुहाना होगा.....
बारिश होगी या होगी तपती धूप....
तु नहीं तो हर मोशम मेरे लिए है चुप...!!-
जब फुर्सत के दो चार पल तुम्हारे पास हो.
जब काम करने का थोड़ा सा भी कही नही गुंजाइश हो.
जब तुम बिल्कुल फ्री हो और
तुम्हारे हिस्से का सारा समय तुम्हारे पास हो.
तब तुम एक बार सोचना किसी के बारे में
शायद किसी को तुम्हारा बेसब्री से इंतजार हो.
याद कर लेना उसे जिसे तुम्हारा इंतजार हो.
जब कभी फुुर्सत के दो चार पल तुम्हारे पास हो..-
फूटी किस्मत संभाल रहे हैं ,
हौसला टूटने से टाल रहे हैं ।
विफलता के अंधेरे से क्यों घबराना ,
जब उम्मीदों के जुगनू पाल रहे हैं ।
चट्टान सी लगती थी जो समस्या कभी ,
आज उनसे भी रेत निकाल रहे हैं ।
हालातो को देख अब नहीं घबराते ,
अब खुद को उनके मुताबिक ढाल रहे हैं ।-
ये वादियां, ये नजारे;
ये तालाब के किनारे नांव...
ताजा हो गयी कुछ खट्टी-मीठी यादें,
फिर ताजा हो गये वो पूराने घाव!!! 🔥🔥
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आपणो माउंट आबू
माउंट की ये हसीन वादियां जीवन का अलख अहसास कराती है
खेलती-मुस्कुराती, इठलाती-बिलखाती साथ में जीने की वजह दे जाती है
मौसम के क्या कहने,दिन-भर में तीनों season
सर्दी-गर्मी-बरसात का आभास कराती है
कुछ इस कदर ये वादियां आबूवासियो को जीना सिखाती है
पहाडों की ये हरियाली और मंद्धम-मंद्धम सी बारिश का आना
पेड़ो पर फुल-साखो का खिलना, पुष्पबेलो का घर से लिपट जाना
थोड़े घुमावदार किंतु बड़े अलबेले रास्तों पर भ्रूं-भ्रूं करती मोटर की सवारी
वो चाय की थडी जहां सजती महफिले, गाने को शायरी-गीत और गजलें कंवारी
मालिक जरा सुर को सुर से मिलाइए जरा
चाय के साथ लफ्जों का लुफ्त उठाइए जरा।
यूँ सज-धजकर सूरज कि किरणों का आना मन को बडा लुभाता है
माउंट आबू का ये सतरंगीला मौसम दिल को बड़ा सुकून पहुंचाता है।
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