मुझें तुम्हारी इतनी मोहब्बत मे आदत हों गयी
की तेरे अलावा किसी की ज़रूरत नही लगती..❤
यूँ तो नज़रों से दूर हों तुम अभी
की एक उलझी हुयी लड़की
तेरी आशिक़ी की कितनी तलबगार हों गयी,.
की तुझसे मुझे इतना राबता हुआ की
मेरी साँसे भी तेरी दीवानी हों गयी..❤
की अब दिल का दिल पे कोई चलता नहीं जोर
कम्बख़्त हमारी बाहों को भी तेरी लत लग गयी..❤
की हमारी मुलाकात नहीं हुयी मुद्दतों से
की सारी रातें ऐसे तन्हाई मे गुज़ार दी,.
एक मुकाम तो ऐसा हों की
तेरी दीवानी मेरी चाहत मे
इस कदर मसरूफ हों गयी
की उसनें अपनी सारी हदें पार कर दी..❤-
Es khamoshiyo m khusi ki umeed lauti hai....
fir se zindagi jeene ki aas mili hai ...
Prr fir kahi bikhre hue pato ko samait kr
hawa k jhokhe m chor k na jana
bari muskil se sawara hu
ab bikhara to wajud mit jayega...-
ज़िन्दगी के धूप छाव मे हर किसी की
परछाई भी बड़ी होती है मगर
कहानी मे साया नही किरदार की
अहमियत ज्यादा बड़ी होती है.....-
यही तो हमारी भूल है महबूब भगवान नहीं
वो भी गलत हो सकता है, जो गलती न करे ऐसा कोई इंसान नहीं-
दिल के
हर कोने मे
तेरी मोहबत
लिए घूमते है हम सनम
ना जाने
कब मिलोगे तुम हमसे सनम
हम तो हर
वक्त तेरे ख्यालों मे रहते है सनम ॥-
Mohabbat ki baarish,
Aur Ishq ka sehlaab...
Lagta hai..
Tu sheher mein hai..-
दिल में है कई गम तुझे क्या सुनाऊ
कैसे बीती है मेरी रातें तुझे कैसे बतलाऊ
इस दर्द की दास्तां कैसे बतलाऊ
तुझसे कई बार किया अपने मोहब्बत का इज़हार
अब क्या ये दिल चिर कर दिखलाऊं ।-
Wo do-tarfa hoti hai,
Jise pyaar kehte hain!
Eak tarfa tho humesha se,
Mohabat hi thi !-
निभाने वाला आपकी हज़ार गलतियों भी माफ़ कर देता हैं,
और छोड़ने वाला बिना गलती के भी छोड़ देता है....
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