लग गयी आग.... मेरे घर में बचा ही क्या है और बच गया मैं तो समझ लो कि जला ही क्या हैं. और मेहनत का नतीजा है मुकद्दर अपना वरना हाथों की लक़ीरों में रखा ही क्या है -
लग गयी आग.... मेरे घर में बचा ही क्या है और बच गया मैं तो समझ लो कि जला ही क्या हैं. और मेहनत का नतीजा है मुकद्दर अपना वरना हाथों की लक़ीरों में रखा ही क्या है
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जो समझे भी और समझाये भी जनाब.... बस वही एक अपना है बाकी तो सब दुनिया है .... -
जो समझे भी और समझाये भी जनाब.... बस वही एक अपना है बाकी तो सब दुनिया है ....
ऐ जिंदगी !बहुत तेज है रफ़्तार तेरी, थोड़ा आहिस्ता चला मुझे समझने तो दे !ये पड़ाव है या हैं मंजिल मेरी नुरऐन अहमद (अध्यापक ) -
ऐ जिंदगी !बहुत तेज है रफ़्तार तेरी, थोड़ा आहिस्ता चला मुझे समझने तो दे !ये पड़ाव है या हैं मंजिल मेरी नुरऐन अहमद (अध्यापक )
कोशिश कर तू,हल जरूर निकलेगाआज नहीं तो कल जरूर निकलेगा! -
कोशिश कर तू,हल जरूर निकलेगाआज नहीं तो कल जरूर निकलेगा!
कोई मंजिल के करीब आ कर भटक जाता है, और कोई मंजिल पे पहुंचता है....भटक जाने से -
कोई मंजिल के करीब आ कर भटक जाता है, और कोई मंजिल पे पहुंचता है....भटक जाने से
दुआ लगे ना लगे, बद्ददुआ जरूर लगती है! -
दुआ लगे ना लगे, बद्ददुआ जरूर लगती है!
मुझे हद में और खुद में रहना पसंद है, और लोग इसे गुरूर समझते है। -
मुझे हद में और खुद में रहना पसंद है, और लोग इसे गुरूर समझते है।
उन्हें ये फिक्र है हरदम नई तर्जे-जफ़ा (जुल्म) क्या है,हमें भी शौक है देखें सितम की इंतहा क्या है... #FarmersProtest #IamWithFarmers -
उन्हें ये फिक्र है हरदम नई तर्जे-जफ़ा (जुल्म) क्या है,हमें भी शौक है देखें सितम की इंतहा क्या है... #FarmersProtest #IamWithFarmers
ये दोस्ती भी एक रिश्ता है…. जो निभा दे ..वो फ़रिश्ता है........ -
ये दोस्ती भी एक रिश्ता है…. जो निभा दे ..वो फ़रिश्ता है........
इन से ना उलझो साहिब, ये किसान है,शेर को भी कुत्ता समझ के मारते हैं। -
इन से ना उलझो साहिब, ये किसान है,शेर को भी कुत्ता समझ के मारते हैं।