Waah kya itefaaq h !!
Aapka janamdin nav varsh k saath hai !!!
Aap hamesa mast khush nachte gaate rahein
Aap attention ki h bhukhi toh attention bhi aap paati rahein
Apni khushbu se sabkoo mehakate rahein
Aapka jeevan dher sari khushiyon se jagmagati rahein-
Maa
Hai toh ye dedh sabd par isme saari duniya samaati hai
Kabhi tumhari sakhi kabhi yaar ban zindagi ka har rishta nibhati hai
Kabhi tumhe sambhalti hai toh kbhi khud tumhari khel khilaune ban jati hai
Bus tumhari khushiyon k piche hi apni jaan lagati hai
Kisi dard se na haari
na tut kr baithe tumne usse paaya hai
Kya pata itni taqat kaha se laati hai
Tumhari ek hasi ko hi apni sabse badi daulat batlati hai
Tum kush toh wo kush warna tumhari har gam dur karne ko bhagwan tak se lad jati hai
Na jaane itni taaqat kaha se laati hai
Kya pata sayad issi liye maa shakti ka roop kehlaati hai.-
लकीरों में जो लिखा है वहीं होना है
पर इन लकीरों का अस्टिव भी तो मेरे होने से ही होना है ।।
अगर जो लिखा है वहीं होना है हर इंसान एक खिलौना है
सब ख़ाली हाथ आए है और ख़ाली हाथ ही मर जाना है
तो ये ज़िन्दगी अपने सपने पूरे करने में क्यों गवाना है ?
किसी के याद में, दर्द में ये ज़िंदगी क्यों बिताना है ?
अगर जो लकीरों में जो लिखा है वहीं होना है ?
तो ये ज़िन्दगी सोच में क्यों खोना है ?
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मैं गिरा तो उन्होंने उठाया
मैं भटका तो रास्ता दिखाया
मैं रोया तो हंसना सिखाया
अपनी ऊंगली पकड़ चलना सिखाया
हम तो अपने उलझनों में क़ैद थे उन्होंने जीवन जीना सिखाया ।।
Happy father's day Papa !!
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Like rain I fell for you
Yes I fell and it was hard to tell
I was becoming crazy the emotions were to expel
I hid myself and kept gazing you from the corner
You were so divine so pretty,looked like some foreigner
This heart found his lifeline With you I feel everything's fine
You were the best thing happened to in my life
Tell me now, when are you planning to be my wife ?-
उसकी याद हवा बन कर आती है और मेरी आंखो की नींद उड़ा ले जाती है
उसका चेहरा बिजली बन कर दिल पे छाता है और कई ज़ख्म ताज़े कर जाता है
जब उसके बिना जिना ही मेरी तकदीर है
तो फिर क्यों आज भी मेरे दिल में क़ैद उसकी तस्वीर है ।।-
दिल में है कई गम तुझे क्या सुनाऊ
कैसे बीती है मेरी रातें तुझे कैसे बतलाऊ
इस दर्द की दास्तां कैसे बतलाऊ
तुझसे कई बार किया अपने मोहब्बत का इज़हार
अब क्या ये दिल चिर कर दिखलाऊं ।-
तू इतना प्यार कर जितना ये दिल सह सके
ख़ुदा ना चाहे, कभी बिछड़ना भी पड़े तो ज़िंदा रह सके
आ जाते है कई अनचाहे तूफ़ान ज़िन्दगी में
कुछ ऐसा कर गुज़र के हर तूफ़ान से लड़ सके ।।-
मैं गिरती रही वो संभलता रहा
बस यही तमाशा ज़िंदगी भर चलता रहा
मैं मुस्कुराती रही वो हंसता रहा
बस यही नौटंकी करता रहा
मैं मनाती रही वो रूठता रहा
बस यही ढोंग चलता रहा
मैं खतों में अपना हाल-ए-दिल बयां करती रही वो उन्हीं खतों को किसी और के नाम करता रहा
बस यही फरेब करता रहा
मैं गिरती रही वो संभलता रहा
बस यही तमाशा ज़िंदगी भर चलता रहा ।।-
गुस्सा है खुन्नस है चीढ़ है आग है
किसे सुनाऊं मुझ संग किसे जलाऊ
अपनी दिल-ए व्याथा किसे बताऊं ।
कौन अपना है जो मेरे गम लेकर भी साथ निभाएगा
थोड़ा में जल लू थोड़ा वो मेरी खातिर जल जाएगा ।।-