यह मीडिया है, जो लोकतंत्र की रखवाली है,
पर अब यह भूल गए, क्योंकि इनको टीआरपी प्यारी हैं।
इनके हाथ में है जीवन, और नेताओं की रखवाली है
उनके विरुद्ध आवाज क्यों उठाएं, इनको तो टीआरपी प्यारी है।
एसएससी के कारण युवा जान गबाता है,
उन बूढ़े मां-बाप का घर सूना पड़ जाता है ।
यह सब इनको कैसे बताएं ,कि भारत में बेरोजगारी भारी है।
क्योंकि इनको तो टीआरपी प्यारी है
कहने को तो यह ज्ञान सिखाए, पर कौन है जो इनको समझाए।
जनता को यह मुद्दों से हटाकर गुमराह करें,
देश की अर्थव्यवस्था को कैसे बचाएं,
कि जीडीपी पर संकट भारी है, इनको तो टीआरपी प्यारी है।
सब बिक रहे हैं नोटों के भाव ,फिर भी सत्ता जारी है ।
एक सुशांत को याद कर रहे ,और हर रोज जवानों की हो रही सहादत है।
देश की रखवाली कौन करेगा
इनको तो टीआरपी प्यारी है, इनको तो टीआरपी प्यारी है.....-
चलो हम बात मज़दूर, किसान, हर जन की करते हैं
अपने ख़ूबसूरत चमन अपने हिन्द वतन की करते हैं,
बेरोज़गारी, भुखमरी, मंहगाई सब अपने चरम पे है
साहब ये ठीक नही, जो आप बात मन की करते हैं।-
◀️बेरोजगार▶️
लड़ रहा हूं बंद कमरे में किताबों से जंग, बो सरकारी नौकरी का इस्तेहार नहीं मिलता
पूछते हैं रिश्तेदार रोज़ रोज़, कब से खाली बैठो हो तुम्हें रोज़गार नहीं मिलता,
अब तो अपने साथ छोड़ रहे हैं हारा हुआ देखकर,
मोहब्बत ने भी जबाव दे दिया कि बेरोजगारों को कभी प्यार नहीं मिलता।-
हम रोजगार की चाहत रखते हैं,
तुम देने की चाहत रख लो।
हर-हर मोदी घर-घर मोदी,
अब इस बात की लाज तो रख लो।-
दो रुपए से बढ़ाकर मेहनत अनुकूल भक्तों को पगार दो,
हे प्रभु, हे विश्वगुरु के विश्वकर्मा हम बेरोजगारों को हमारे हिस्से का रोजगार दो।😂🙏
#modi_rojgar_do
#cgl19marks-
✳️ सपने और SSC की लड़ाई के बीच में प्यार और परिवार ✳️
तैयारी में SSC की जवानी के मजों को शूली पर टांग चुका हूं,
बहुत हुई ये कुंभकर्ण की नींद मैं अब इससे जाग चुका हूं,
अब घरवालों को ज़बाव चाहिए और मोहब्बत को भी,
उनके पास तो इतना वक्त भी नहीं जितना मैं उनसे मांग चुका हूं।-
"ऐसे ही करते रहो तुम हमारे चर्चे
हम तो आबाद हैं...✍🏻
मिट जाओगे हमें मिटाने वाले
हम जर्रे नहीं सैलाब है"
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"पढ़ो इतना कि किसी के सामने झुकना ना पड़े
अपने हक के लिए लड़ो इतना की
कोई हुकूमत भी हमें झुका ना सके"-
एक बेरोजगार की,
सूनो आप कहानी।
शिक्षित हैं,
पर काम नहीं।
वक़्त है,
पर रोटी, कपड़ा,
और मकान नहीं।
करम अच्छे हैं,
पर सम्मान नहीं।
बस ये समझ लो।
जिन्दा हैं,
पर जान नहीं।
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