हर वो इन्सान साथ छोड़ रहा है, जिस-जिस की मुझे Need है,
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पर बक्त आने दो परिचय करा देंगे कि ये गाँव वाला कौन सी Breed है?
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आप... read more
अभी तो चर्चे होने बाकी हैं यारां के नाम के,
और दो इंच की तितलियों के साथ उड़ें वो बाज किस काम के?-
आज़ादी की 75 वीं सालगिरह थी हर घर तिरंगा लगाना ज़रूरी था,
कितनी मोहब्बत है इस वतन से यह दिखाना ज़रूरी था,
फ़िर गाँव में आकर मंत्री जी ने भी झंडे बांट दिए,
पर एक शख्स ऐसा भी था जिसके आगे घर पर झंडा ना लगाना एक मजबूरी था।
उसे मोहब्बत तो बहुत थी वतन से पर पता नहीं क्यों लोग उसे देशद्रोही बोल रहे थे,
उसके मुख की शांति और लाचारी को पत्थर मारकर तोड़ रहे थे,
अंततः बात मंत्री जी के पास पहुंची तो मंत्री जी भी जवाब सुनकर सकपका से गए,
जवाब था, मंत्री जी झंडा लगाने के लिए मुझ गरीब को घर दिलाना भी तो जरूरी था।-
मेरे देश की माटी....❣️
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यह वो मिट्टी है जिसमें मेरे भगत ने अपनी बंदूकें बोई थीं,
इसी मिट्टी को मुट्ठी में दवा मेरे आजाद ने अपनी सांसे खोई थीं,
इसी मिट्टी को चूम कर मेरा अशफ़ाक फांसी पर झूला था,
बचाने को आन इस माटी की, हजारों मांएँ खून के आंसू रोईं थी।
एक मेरा उधम भी था जिसने पूरी दुनियां में उधम मचा दिया था,
डायर के छाती पर गोली मारी थी पूरा लंदन दहला दिया था,
उन स्टार हैज के झंडे वालों के दिल क्या रूह भी कांपी थी,
जब अकेले उस मंगल ने पूरी गोरी सल्तनत को नानी याद दिला दिया था।-
लाडो, प्यार से तेरे यार को कोई परहेज न पर अभी कुछ वक़्त खुद का कहना मानना है,
एक शख्स है जिसने मेरी ख़ातिर अपनी रूह तक गिरवी रख दी पहले उसका कर्जा उतारना है।
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#fathersaab-
अगर लिखें उन दो रिश्तों की कहानी तो ये सारी कलम और काग़ज़ की कंपनियां बिक जाएंगी,
पर इतने पर भी उनकी महानता का एक हरूफ ना लिख पाएँगी,
अगर देखना है इन रिश्तों को तसल्ली से तो उन कच्चे घरों में जाकर देखना,
जहाँ औलाद के सपनों के लिए कर्जा लेगा कोई बाप तो किसी माँ की बाली गिरवी दिख जाएगी।-
माँ,
बो लगाते हैं एक दिन Status और उसी दिन शायद उन्हें माँ से मोहब्बत होती है,
क्या उसके लिए एक दिन काफ़ी है जो हमारे लिए हर दिन रोती है,
9 माह पेट में और जिंदगी भर कंधों पर ढोने वाली वो किसी दिन की मोहताज़ नहीं,
कभी पूछना जाकर उनसे माँ का मतलब जिनकी माँ तस्वीरों में लगी होती है।-
Inteqam in UP style....😁
दुख बस इतना है कि मैंने तेरे से जितना प्यार किया था तू उससे आधा प्यार तो निभाती,
ग़र लाडो तेरा नाम बोल देता भरी महफ़िल में तो मेरी मोहब्बत खामखा बदनाम हो जाती,
फिर क्या था नाम के साथ साथ address और नंबर भी बोल दिया,
अब अगर इंतकाम भी ना लेते तो हमारे उत्तर प्रदेश से होने की निशानी क्या रह जाती।
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उसकी मोहब्बत के पेपर लीक होते गए और वो हमसे Cuttoff पार कराने पर अड़ी थी,
मेरी मोहब्बत भी बेचारी अनारक्षित निकली जो सबसे ज्यादा नंबर लाकर भी बेरोज़गार खड़ी थी।-
ख़ुद के ख्वाबों को गिरवी रख मैं इन जिम्मेदारियों का कर्जदार हो गया हूँ,
गाँव में ख़ुद के आशियाने को छोड़ सपनों की ख़ातिर मैं शहर का किराएदार हो गया हूँ,
जो कभी माँ का लाडला बेटा हुआ करता था आज वो रातों से लड़ रहा है ,
खो गया हूँ इन रातों में मैं अँधेरे की तरह और दुनियां कहती है कि मैं समझदार हो गया हूँ।
दुनियां बोलती है कि लड़का हूँ तो रो नहीं सकता, पर आँसू छुपाकर हँसने का तरफदार हो गया हूँ,
जो कभी उठता था पापा की गालियां खाकर आज नींद को त्याग रातों का प्यार हो गया हूं,
सालों हो गए पुराने किरदार से मिले जिसे आज पहचाना नहीं जाता,
माँ के खाने में कमियां निकालने वाला आज दो दिन पुरानी तक खाकर भूख का तलबगार हो गया हूँ।
कुछ पाने की चाह में सबकुछ खोकर मैं जिंदगी के चौराहे पर पहरेदार हो गया हूँ,
जनाब आप सही कहते हो मैं समझदार हो गया हूँ।-