इतनी भी क्या जल्दी थी,
एक बार आवाज़ तो दी होती।
काश तुमने अपने जिंदगी को भी एक मौका दिया होता,
काश इतनी जल्दी रब से मौत का सौदा ना किया होता।
ऐसे कैसे जिंदगी का साथ छोड़ दिया,
समय से पहले कफ़न कैसे ओढ़ लिया।
इस तरह कोई खुद से नहीं रूठता,
जिंदगी का दामन कोई इस तरह बीच में नहीं छोड़ता।
तेरी आत्महत्या के पीछे भी कोई शामिल होगा,
जरूर कुछ अपनों की लापरवाही ही तेरा क़ातिल होगा।।
मौत तुम्हारी हुई और जनाजे हमारे खुशियों की निकली,
ईश्वर तुम्हारे आत्मा को शांति दे अब यही दुआ है दिल की।
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