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जहां से शुरू किया था सफ़र फिर वहीं खड़ी हूं,
आज रिश्तों की कश्मश में उलझी पड़ी हूं।
सोच समझ कर हर एक कदम आगे रखना।
जान हो तुम मेरी बस इतना ख्याल तुम रखना ।
हो पाए तो एकबार आख़िरी कोशिश तुम करना,
वरना जन्मों की दूरी मेरे नसीब में तुम लिखना।
इश्वर या तो मुझे उन से जुदा न कर, या फिर दे शक्ति सब कुछ सह जाने की।
मेरे टूटने से, संभावना है मेरे परिवार के बह जानें की।
क्या मेरे ईश्क से भी गहरा उसके सिंदूर का रंग होगा।
क्या तेरे मेरे बंधन से भी अधिक मजबूत वो गठबंधन होगा।
उस आग में जल जाएगी हमारा सालों का रिश्ता,
शायद फिर कभी मुड़ कर ना देखूंगी, मुझे हैं मेरे रब का वास्ता।
तुम ताउम्र मोहब्बत किसी और से निभाओगे।
रोज़ थोड़ा-थोड़ा करके मेरे वजूद को मिटाओगे।
मेरी निशानियों को आहिस्ता-आहिस्ता तुम दिल में दफनावोगे।
उठ रही हैं अर्थी अरमानों की,
आने वाली है दूरियां मिलों की।
हर रात परेशान रहती हूं और हर सुबह बैचैन।
बेवजह ही बरस पड़ती हैं अब मेरी नैन।
कभी तुम्हारे साथ दिल खोल कर हंसी हूं, तो कभी तुम्हारे लिए टूट कर रोई हूं ।
जिससे प्यार भी उतना ही हैं,जितना की दोस्ती ।
जो मेरी खामोशी भी समझता है, और मेरी नादानियां भी।
अब फिर ऐसा हमसफर मिलना मुमकिन नहीं है।
रिश्ता हमारा टूटने को है, पर देखो मुझे अभी भी यकीन नहीं है।।
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काश श्रृंगार मेरी,और वजह तुम होते।
हाथ मेरी और मेंहदी तुम्हारा होता।
मांग मेरी और सिंदूर तुम्हारा होता।
मोहल्ला मेरी और स्वागत तुम्हारा होता।
जिंदगी मेरी और हक़ तुम्हारा होता।
दिल मेरा और बसेरा तुम्हारा होता।
बालों पे गजरा मेरा और सर पर सेहरा तुम्हारा होता।
कमरा तुम्हारा और राज हमारा होता।
घर आंगन तुम्हारा और जिम्मेदारी मेरी होती।
मेरी चूड़ियां भी तेरा इंतज़ार करती,
मेरी चुनरी भी तेरा एतबार करती।
काश हमारे प्यार की बजती शहनाई,
और साथ होती हमारे अपनों की बधाई।।
काश हर रोज़ उनका इश्क़ मेरे मांग में सिंदूर बन सजता,
तुम्हारे नाम की मेंहदी मेरे हाथों में रचता।
काश थामकर हाथ लेते हम सात फेरे,
जन्म जन्म के लिए हो जाते हम सिर्फ तुम्हारे।
दुल्हन बन के रुकसत तो होना चाहती थी,
पर मेरी हर मंजिल तेरे दिल से होके गुजरती हैं।
ये सिर्फ कविता नहीं मेरे दिल का हाल हैं,
जो कभी ना कह पाऊंगी तुमसे वो सारे सवाल है।
जब किसी और का हाथ थामने की नौबत आती हैं,
अहसास होता हैं की कफ़न लाल रंग की भी होती हैं।।-
हक मुझे इतना हैं ही नहीं,
कुछ उम्मीदों का टुटना भी लाज़मी है।।
कुछ बातों से अनजान रहना ही सही है,
मेरे हर एक दर्द का हल यही हैं।।
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उम्र भर के लिए हम तुम्हारे रहेंगे, नहीं होंगे कभी गैर,
आकर गले से लगा लेना तुम मुझे मेरे इजाजत के बगैर । ❤️— % &-
गांधी, तिलक, सुभाष, जवाहर,भगत का यह देश हैं।
हमारे हृदय में प्रेम और भाईचारा हैं,दिल में ना कोई द्वेष हैं।
सर पर कफ़न बांधकर वो फिरंगियों से लड़े थे।
देश की आज़ादी के लिए वे मुस्कुराकर सुली पर भी चढ़े थे।
यह देश हैं वीरों के त्याग तपस्या और बलिदान का,
किया है रक्षा सदा भारत माता के मान और स्वाभिमान का।
ना समझो तुम इसे कोई परिहास,
वीरों के खून से लिखा गया है हमारा अमर इतिहास।
भारत माता को मेरा शत् शत् प्रणाम है,
भारत माता के सपूत वतन पर मर मिटने को तैयार हैं।
सरहद पर वीर जवान दिन रात हमारे सुरक्षा को तैनात हैं।
ना जाने रोज कितने वीर जवान तिरंगे से लिपटकर घर आते हैं।
ख़ाली कर जाते है मां की गोद,
पर भारत मां की शान पर आंच ना आने देते हैं।
यहां मंदिर में पूजी जाती हैं देवी की प्रतिमा को,
फिर क्यों ठेस पहुंचाई जाती हैं नारी की गरिमा को।
उनके चीख के बाद एक खामोशी छा जाती हैं।
दरिंदे तार-तार कर जाते है उनके आबरू,
निर्दोष होते हुए भी वो नहीं हो पातीं है फिर कभी दुनियां से रूबरू।
हम आज़ाद तब कहलाएंगे,
जब हर बेटियां यहां होगी सुरक्षित।
विफल ना जानें देना तुम वीरों के बलिदान को,
हर देशवासी का यह फर्ज है,बचाएं रखना देश के गौरव और सम्मान को।— % &-
Sorrowful sounds of those moments are still in my ears.
I often closes my eyes to loose all the fears.
It's time When I wish I were dead.
It's time when l can't control emotions in my head.
Can you feel my pain and catch my tears,
Please help me to conquer all these fears.
It is hard to believe.
Inside I am dead,outside i am alive.
I remember those happy days we all shared.
You showed us that you always cared.
Now, It is hard to recognise you
Because every little things has changed in you.
We helped you to remember things every day
we don't let anything to take your memory away.
I hope you get well soon,
Then only this battle can be won.-
इन नम आंखों की कई दास्तान है,
तू ही मेरी जमीं और मेरी आसमान आसमां हैं।
तेरी निगाहों ने जाना मुझे मोहब्बत करना सीखा दिया,
इस दिल में पहली बार मोहब्बत को पनाह दिया।
ख्वाहिश थी बाहों में तेरे आखिरी सांस मैं भर सकू।
जन्नत तक का सफ़र तेरे साथ तय कर सकूं।
मोहब्बत थी, मोहब्बत है और रहेगी भी।
जिक्र तेरा मेरी जिंदगी में रहेगा ही।
क्या और भी चिट्ठी छिपाए रखे हो,
क्या और भी राज सीने में दफनाए रखे हो।
मुझसे क्या खता हुई, विश्वास का दामन छूटा क्यों,
लोग मुझसे पूछते हैं दिल मेरा टूटा क्यों।।
कहीं मेरे जज्बातों का कातिल ना हो जाए,
कहीं नाम उनका बेवफाओं में शामिल ना हो जाए।।
देख तेरे फैसले ने बढ़ा दिया है फासला,
समझ नहीं आ रहा कैसे रखूं अब मैं हौसला।
अब अपनो पर भी नहीं रहा कोई जोर,
शायद कमज़ोर पड़ रहा रिश्तों का डोर।-
जिंदगी के हर पन्ने में तेरा ज़िक्र हैं,
हर पल इस दिल में तेरी फिक्र है।
अंतिम पन्ने में क्या लिखूंगी ,यहां तक का हमारा साथ नहीं होगा।
सन्नाटा होगा इस दिल में जब हाथों में तेरा हाथ नहीं होगा।
तुम्हारे हाथ थामकर सफ़र इतना लंबा तय कर लिया है की लौटने में पूरी जिंदगी गुज़र जायेगी।
हर अरमान एक पल में ही बिखर जाएगी।
जब चलना साथ साथ होता हैं तो लौटना अकेले क्यों पड़ता है।
तुम्हें खोने के ख्याल से दिल इतना क्यों डरता है।
शायद मेरे हर दर्द को ईश्वर की रजा मिली है,
मुझे किश्तों में खुदकुशी की सजा मिली है।
आंसुओ से लिखी है मैंने अपनी प्रेम कहानी,
समझने के लिए जज़्बात होनी चाहिए वहीं पुरानी।
क्या जुदा होने से तुम कभी घबराते नहीं हो,
मेरा हाथ छोड़ते वक्त दिल से कभी रोते नहीं हो।
लोग पूछते हैं तुम्हें चाहने की वजह,
अपने रब की इबादत की कोई वजह नहीं होती
दो दिलों के बिछड़ने से बड़ी कोई सजा नहीं होती।।-
जिंदगी इतना इम्तिहान ना ले, मुझे ऐसे जीना नहीं आता,
ना खेल मेरे जज्बातों से, मुझे जख्मों को सीना नहीं आता।
तूफान हैं दिल के अंदर, मुझे सोर मचाना नहीं आता,
आंसु रोके कब से बैठी हूं, देख मुझे रोना नहीं आता।
हां ये सच है पैसा से सब कुछ तौला नहीं जाता,
प्यार और सम्मान के सामने पैसे का कोई मोल नहीं होता।
वक्त बीत रहा सारा कागज़ के टुकड़े कमाने में,
क्योंकि आज नाम और ओहदा इससे ही हैं जमाने में।
पर जब खून पसीने की कमाई पल में ही डूब जाता हैं
वर्षो की कमाई एक पल में ही लूट जाता हैं
एक एक पैसा कभी जोड़ा था जिसने, हिम्मत उस पिता का भी टूट जाता हैं।
ईश्वर हद से ज्यादा हमे तकलीफ़ ना देना,
कहीं टूट ना जाएं सब्र की सीमा।
ऐसा दौर चल रहा जैसे ईश्वर भी हमसे रूठा है,
एक एक करके अपनों का भी साथ छूटा हैं।।
बूरा वक्त में ही अपनो की पहचाना होता हैं,
हर अंधेरी रात के बाद एक नया सवेरा आता हैं।।-