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*must read*
तकलिफें चाहें जो हों
जब जिदंगी में ,
फर्क नहिं पड़ता,
तब या तो इंसान,
सवर जाता है या बिखर,
जाता हैं"-
चाहत ही हैं जो हद से बाहर जाती हैं,
मज़िल हो कितनी भी दूर ये
बात हौसले वालों की समझ में कहाँ आती हैं...-
इतनी आसानी से कहाँ मिलती है यहाँ जीत जनाब
जीतने के लिए इंसान को हारना भी तो ज़रूरी है-
लोगों को मेरी बातें कड़वी लगने लगी हैं,
मगर सच लिखने की तो हमें आदत हो चुकी है...
लोगों को मेरे शब्द विपरीत लगने लगे हैं,
मगर छाती ठोक कर बोलने की आदत हो चुकी है...
झुकाने वालो की लंबी कतार लगने लगी है,
मगर सीना तानकर चलने की आदत हो चुकी है...
राहों में काँटों की बौछार होने लगी है,
मगर कदम न रोकने की आदत हो चुकी है...
दुनिया को हम अब पागल लगने लगे हैं,
मगर दुनिया से नहीं डरने की आदत हो चुकी है...
भले ही हम अब दुनिया को ग़लत लगने लगे हैं,
मगर सबका मुँह बन्द करने की आदत हो चुकी है...-
तेरी तारीफ़ में कुछ ऐसे हम गुमनाम हुए,
तुम्हें क्या पता किस तरह तुम्हारे इश्क़ के हम मुरीद रहे...
बनकर तू हमेशा मेरी दिल-o-जान रहे,
कुछ इस तरह हरदम तू मेरे पास रहे...
ज़िंदगी में कुछ और ना मेरी अब ख्वाहिश रहे,
तू खुद मेरी ज़िंदगी है, इससे ज्यादा भला क्या कहे...
तेरी ही मुस्कान से मिटते सारे मेरे दर्द रहे,
जो तू उदास हो तो आँखों मे हर पल ये बरसात रहे...
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| Latest from Space |
The Indian Air Force (IAF) has completed Level-1 of selecting astronauts for India's first manned space mission, Gaganyaan.
Selected test pilots were subject to extensive physical, laboratory, radiological, clinical and psychological evaluations. Aimed to be launched by 2022, the ₹10,000-crore Gaganyann mission will fly 3 Indian astronauts in low-Earth orbit for up to a week.
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Hats off to the God for makin' you!
Kudos he did a fab job creatin' you!
When I draw, you I choose...
The kind of laugh that makes my woe diffuse~-
किस्मत की किताबे तो खूब लिखी है खुदा ने बस पन्ना वही घुम था जिसमें मेरी किस्मत का जिक्र था😕
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This is just for our Doctors, Police men, Army and all who are making efforts to make this mission successful..🇮🇳🇮🇳🇮🇳🙏🏻
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ऐसे तुम हारने ना देना मुझे कभी अभी तो
चढ़नी मुझे जिंदगी की एक ढलान बाकी है
हासिल इस जीत से जो दिखेगा तुम्हारा मेरा
सब नजरो में वो मान और सम्मान बाकी है
अब बस आपके सहारे ही तो में ठहरी हुई हूँ
आप से हूँ जुड़ी मेरा यह अभिमान काफी है
मेरी होती हर सुबह की शुरुआत तुम्ही से है
और तुमसे ही तो जुड़ी मेरी हर शाम होती है
भुला दूँ खुद को जिस दिन भूल जाये जुबां
मेरी की ये तुम्हारा नाम ही उसका साथी है
तुम्ही से तो पूरी होती आई मेरी हर आस है
अब रही जीवन में एक प्यास अभी बाकी है
पाकर तुम्हारे साथ से भी जो हार गई में तो
दिखेगा हारी में नहीं,हारी आपने ये बाजी है
ना लेने लगे लोग बदल कर ये नाम तुम्हारा
तुम्हारी बदनामी से क्या कहे क्या बाकी है
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