क्या तब भी तुम दोगे साथ मेरा, फँसी है मझधार में मेरी जिंदगी क्या तुम बनोगे किनारा मेरा, कभी कभी डर जाती हूँ अकेले क्या मेरी इस अकेली जिंदगी में तुम बनोगे सहारा मेरा।।
तरसता है दिल आपकी एक आवाज़ के लिए ... आपके प्यार भरे चंद अल्फाजों के लिए ... आरज़ू हैं आपकी अदाओं पर फ़ना हो जाये ... बेताब है आज भी दिल आपके एक मैसेज के लिए Bachcha ...
बहुत दिनों के बाद ख़ुशी देखी है दोस्तों के लबों पर हँसी देखी है हसीन थे चन्द पल दोस्तों के साथ जिसमें दोस्ती अपनी रंगीन देखी है कैसे गुज़र गए वो लम्हें पता न चला बिछड़ते वक्त आंखों में नमी देखी है.....
என்னவளே....!!! நீ எங்கே இருக்கிறாய் என்று எனக்கு தெரியவில்லை.... ஆனால், நீ எங்கே இருந்தாலும் திரும்பி வந்து விடுவேன் என்று நம்பிக்கையுடன் காத்திருக்கிறேன்.... 💙
आओ ना कभी एक रोज "बनारस" की घाट पर शाम बिताते है, वो बीते हुए पल की तुम्हे फिर से याद दिलाते है तुम्हारे साथ "बनारस" में बीते हुए बचपन की बातो से लेकर अब तक की तुम्हे सारी बाते बताते है।। 🤗🥰💕💝