आज कल कुछ
बेचैनियां बढ़ने को हैं
हमारे दिल को तुझसे
मिलना जो है
इंतजार करना नहीं अब
गवारा है इसे, चाहतो
का समंदर उमड़ ने को है,
तुझे देखूं तुझे अपना
बना लूं बस यही खयाल
आता है, तू समझ तो सही
मेरी मोहब्बत को, हर बार
क्यों तू इतना सताता है!!
-
गुज़र चुके थे इतने साल,
पता ना था तुम्हारा हाल।
याद तुझे अक्सर करते थे,
देखने को तरसा करते थे।
सोचा भी ना था कभी,
मिल जाओगे कहीं यूँ ही।
वो लम्हा भी कयामत था,
सामने आंखों के तू जो था।
हुआ ना जैसे लकीरों पे यकीं,
खुशियों को पंख लगे,
छूटने लगी ज़मीं।
तुमसे मिलने का भी सच,
ये अज़ब इत्तेफाक था।
तुमने क्या कहा,
हमने क्या सुना,
दिल को कुछ ,
एहसास ही ना था।
तुमसे फिर मिलाया,
रब की मेहर हुई ।
तुमसे जुड़ के दोबारा,
मैं जैसे मुकम्मल हुई।
-
मोहब्बत अगर तेरे जिस्म से होती तो ,
कब का भूल जाते तुम्हें ।
ये चाहत तो तेरी रूह की है ,
जो क्ब्र की मिट्टी पे भी खत्म ना होगी।-
Koi raabta nhi usse ki
bewajah Mai milta Rahu,
Phir bhi Kahi door se ek uns
ki mushk aa rhi hai....-
बसंती हवा ठहरी रही इंतज़ार में मग़र तुम मिलने नहीं आये...
अब धूप में तल्ख़ी है शायद तेरी परछाईं को इश्क़ की छाँव ना मिल पाए.
-
सुनो , मेरी खुशियों से जरा पूछना तो वो कहां हैं।
सुना है वो मेरे पास तुम्हारी खुशियों से मिलकर आया करती हैं।-
💓हम वक्त रोक लेंगे तुम्हारे लिए..
तुम बेवक्त मिलना तो शुरू करो !!!👫-
Tu udas to bahut hogi ki tune kisi ko kho diya...
Par Tu roti bhi bahut hogi ki tujhe koi mil na saka mere jesa...
-