اللَّهُمَّ صَلِّ عَلَىٰ سَیِّدِنَا مُحَمَّدٍ وَعَلَىٰ آلِهِ وَسَلِّمْ
अपनी ज़बाँ से शान-ए-नबी क्या बयाँ करें
क़दमों में उनके अपनी हि हम जाँ-सिताँ करें
आए हैं बनके मज़हर-ए-ताबाँ ख़ुदा के वो
आक़ा की गर्द-ए-पा से तो रौशन जहाँ करें
पुर नूर दिल हुआ है दुरूद-ओ-सलाम से
दुन्या-ओ-आख़िरत को यूँ ही कामराँ करें
शीरीं ज़ुबान नाम-ए-मुहम्मद से हो गई
लब भी हैं चूमें नाम अगरचे बयाँ करें
अख़्तर सजाओ महफ़िल-ए-मीलाद बारहा
काँटे हसद के तोड़ गुले गुल्सिताँ करें-
Hum Bekasho Ke Sahara Aarhe Hai
Hum Gumgeeno Ke Gumkhaar Aarhe Hai
Hum Begairaton Ke Rehmat Aarhe Hai
Hum Mujrimon Ki Shafaahat Aarhe Hai-
यूं तो मेहबूब रब के हैं सारे
एक है पर जो सबसे हसीं है
वो हैं तेरा नबी.. मेरा नबी.. हमारे.. नबी.. हैं..×2
जिसके सदक़े बनी हैं ये दुनिया
उसपे क़ुर्बां मिरी जिंदगी है
वो हैं तेरा नबी.. मेरा नबी.. हमारे.. नबी.. हैं..×2
चाँद के भी किए जिसने टुकड़े
सारे आलम के वो रौशनी हैं
वो हैं तेरा नबी.. मेरा नबी.. हमारे.. नबी.. हैं..×2
जिनके हाथों में रक्खी शिफाअत
हम फकीरों पे जिनकी दस्तगीरी हैं
वो हैं तेरा नबी.. मेरा नबी.. हमारे.. नबी.. हैं..×2
जिसके जुल्फों की क़समें वो खाए
रूठे वो जिससे तो रूठ जाए
सबसे आला वही आशिक़ी है
वो हैं तेरा नबी.. मेरा नबी.. हमारे.. नबी.. हैं..×2
इश्क़ ने भी किया इश्क अव्वल
सिलसिला ये वही आख़री हैं (खतामुल नबीﷺ)
वो हैं तेरा नबी.. मेरा नबी.. हमारे.. नबी.. हैं..×2-
Ataa dekhi to apne rabb ki dekhi
Warna kon deta hai
mehboob (Mohammad s.a.w.)
apna.-
जिसके किरदार से बुलंद है हर मख़लूक-ओ-इन्सां,
जिसके नूर से रौशन है हर कौन-ओ-मकां..
वो दो आलम के आक़ा, ताजदार-ए-हरम, वो सरवर-ए-अंबिया,
हम गुनाहगारों पर है हमारे नबी की मेहरबानियां..
फ़ूल, पत्ती, शज़र और ये चाँद-तारें सब करें आपकी मिधा,
औस़ाफ हमारे नबी के कहाँ हो पायेंगे लफ़्ज़ों में बयां..
लाखों दुरूद, लाखों सलाम हो तेरी ही ह़म्द-ओ-सना,
ला इलाहा इल्लल्लाह, ला इलाहा इल्लल्लाह!
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