वो जो मेरे दिल में रहते थे जान की तरह!
🚶♂
इक दिन छोड़ कर चले गये मेहमान की तरह!!-
Na subah bane vo meri,
Na shaam h...
Na zindagi bane vo meri,
Na jaan h...
Bas unpe thoda sa,
Mujhe ruh se hasane ka ehsaan h...
Jo dhadkan ban chuke the meri,
Ab vo dil me do din k mehman h...-
इस 'मोहब्बत' की दुनिया में हमारा भी नाम होता
गर दिल की गलियों में कोई तुम सा मेहमान होता-
घर को घर बनाने के लिए
घर से दूर चले जाते है,
दूसरे शहर के छोटे कमरे को
अपना आशियाना बनाते है,
घर मे मेहमान आने पर
सबसे लाडला बेटा बताती थी माँ,
अब खुद ही मेहमान बनकर
घर जा पाते है।-
कल तक जो सबसे अच्छे दोस्त थे ,
अब वो अनजान हो गए....
जो हमसफर बनना चाहते थे ,वो
जिंदगी में अब मेहमान हो गए...
ज्यादा कुछ नहीं बदला इन डेढ सालों
में ,बस जो खास थे ,अब वो बाकि
लोगों की तरह आम हो गए...-
मेहमान जो हमारा होता है
वो जान से प्यारा होता है
दरवाजा खोलते ही उनको "कैसे " कहकर
उनकी तौहीन मत कीजिये-
Sach Kahu to Mujhe
Jhuta Insaan Bura Lagta Hai,
JULM Karnewala
Insaan Rupi SAITAN Bura Lagta Hai,
Kitni KHUDGARZ Hogayi Hai
Yeh Duniya,
Ek Din Se Jada Thahere To
MEHMAN Bura Lagta Hai.-
Na Rahega Sada, Kuch Hi Dino Ka Hai "MEHAMAN",
Rehmat Se Bharlo Jholiyan , Gujar Raha Hai "RAMZAN"..!❤️-
निगाहों में तस्वीर...
होंठों पर मुस्कान की तरह।
हाथों में लकीर...
जिस्म में जान की तरह।
ए मेरी ज़िन्दगी तू ही बता दे मुझे,
किस तरह सोचूं मैं तुझे....?
ज़िन्दगी भर का साथी,
या सिर्फ मेहमान की तरह...?
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क्यू करें हम तेरा शुक्रिया....??
के दिल में आये हो तुम महमान बनके....,
बन जाओ ना यार तुम , lifeline मेरी.,
दिल में ही रहने का एहसान करके....,
❤-