पास से गुजरते हैं वो इक अजनबी की तरह
फिर भी दिल में महकते हैं वो इक बन्दगी की तरह-
जब चाँद नहीं होता वो मिलने आती है
हज़ारों जुगनुओं से शब जगमगाती है
बड़ा मुक़द्दस समा होता है पहलू में यार के
ज़ुल्फ़ों की ख़ुशबू से वो फ़िज़ा महकाती है
इस रात की सुबह न हो वो दोनों चाहते हैं
फ़िर काँधे पे मेहबूब के सर रख शर्माती है
और शब भी जैसे वहीं ठहर जाना चाहती है
फिर आफ़ताब की झलक नज़र आती है
दोनों फ़िर जुदा होने के डर से काँप जाते हैं
न जाने क्यों मोहब्बत में ये घड़ी आती है
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Aaj yaad vo purana zamana agaya,
Unse milne ka vo bahana yaad agaya,
Nah jane kya talab lagi sahib ko,
Ki usko yaad aaj mehkana agaya .-
Agar har marz ki dawaa hoti toh,
Sheher maye itne mehkhane nhi khule hote.-
हमारे टूट के बिखरने की दास्तां,
कुछ गहरी नहीं है जनाब!
बस ऐसे ही, जैसे,
बारिश की बूंदें,
ज़मीं को छल्ली करके,
महका देतीं हैं।-
Chhoo kr gyi 😉
Teri chhooan 😍
Behki hu mai 😛
Aur mehka hai mann 🌹-
वरक उसकी यादों के महकाते हैं दिल मेरा
क़िताब ए इश्क़ के हर वरक पर है नाम तेरा-
वो बला की शोखी देखी है तेरी निगाहों में
अब तू इत्र सी महकेगी पूरे जमाने में
फ़िरदौस बिकानेरी
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साकी को गिला है की उसकी बिकती नहीं शराब
और एक तेरी आँखें है की होश में आने नहीं देती-
फूलों की तरह जीवन महान रहे
कोई तोडे या कुचल दे
फिरभी महकना जारी रखे
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