QUOTES ON #MARVADI

#marvadi quotes

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इति सूनी ना जावन्ति बीती गौर म्हारी
बेरूता ना मुरझावन्ति, फुलां री क्यारी
रात आला जुजला, संग संग न रोवन्ता
बिन बतलाया मोर, मांझल न सोवन्ता
हिवड़े री न उधड़ती रे जिलतां

साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।

भरी रेव भीड़, म्हारे आले दुआले
पण थारे बिना, हिये ने कुण भावे
चालती आ बेरण बयार, पीड़ जगावे
आँख्यां रो काजळ, गाला संग बतलावे
होंठ म्हारा बिन बोल्या, इयाँ न सिलता

साजण जी जे थे ना मिलता
साजण जी जे थे ना मिलता।।

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30 MAR 2019 AT 16:41

आओ करो राजस्थान रो भ्रमण,
दाल बाटी चूरमा अटा रू जिमण।

कुछ छंद पंक्तियों से राजस्थान री खुबसूरती दिखाऊ,
जयपुर से जोधाणा, आपने अनुशिर्षक में पढ़ाऊं।।

(अनुशिर्षक में पढ़ें 🙏😊😊🙏)

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18 NOV 2019 AT 14:02

हां जानूं मैं "साहिबा",ना मैं थाने कदी निरख सकूं..
ना छू सकूं, ना प्रेम जता सकूं संग संग थारे चाल गे..
थे मेरी काजल गी टिकड़ी मायने पाणी सा रमग्या..
सदा राखसूं "साहिबा" धोला नैनां मायने गाल गे..

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21 APR 2021 AT 9:25

सच्चे मारवाड़ी है जनाब
कभी मुलाकात करियेगा सस्ती चाय के साथ महंगी यादें पिलाकर भेजेंगे 😎😎😊😊

🙏🏼शुभ प्रभात🙏🏼


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17 NOV 2019 AT 19:57

सूरता सूं अठे के परखीजे "साहिबा" पीछाण तो सीरतां गी होवे से..
कोई मरे पाच्छे रोवे मिनखा ने, कोई जीवतां मिनखा ने रोवे से..

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24 OCT 2019 AT 19:44

धीरे धीरे चानण बुझियो..
बंद हो गई हाट..
आभा मायने उग्यों चंदों..
आ गई मांझल रात..
धोरां ओले ओले राधा निरखे..
जोवे कान्हा गी बाट..
बेगा आयो नी सांवरा..
करां प्रेमली कोई बात..
बाती बलगी दिवलों बूझियो..
उग आयो जी प्रभात..
बनड़ी नैना नीर उपजो..
बेरी आयो नी भरतार..
राम जाने कद मिल्सी..
म्हारे सूं म्हारो करतार..

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थारी बाईसा रो लिखैड़ो गीत रो पोस्टर हाजर है सा.. घणों प्रेम अर मान देया। उम्मीद राखूं 🍁
releasing on 14 july ❣
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13 APR 2021 AT 10:44

शकल थारी Mr.Bean के जैसी👻
तन्ने देख के हँसी मन्ने आईं 🤭।

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21 MAR 2018 AT 18:59

I deceive my conscience
Evryday that
everything get fine one day in my life
But I know never it will get fine
Until the end of my story.

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21 FEB 2022 AT 18:47

चाँद छिपजे तारा छिपजे
बादलिया घिर आवे जी,
परदेसां बैठ्या साजण ने
मांझल रात बुलावै जी।।

ओ जी ओ बन्ना आवो,
लहँगों संग चुंदड़ ल्यावो
तरस-तरस झरे आँसुड़ा,
नैनां सूँ नैण मिलाओ।।
रात आला जुजला बोलै,
याद थारी म्हाने जगावै जी
परदेसां बैठ्या साजण ने
मांझल रात बुलावै जी।।

निरख-निरख थकगी गोरी
परदेसी दिखे ना आवन्ता,
बयार उड़े बिखरे सुपना,
पंछी दिसे घरां जांवता।।
काजल ढ़ुले अंखियां सूं,
प्रीत प्रेम री कुम्लावै जी,
परदेसां बैठ्या साजण ने
मांझल रात बुलावै जी।।— % &

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