Kamlesh Rana   (Village wala ❄️)
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Joined 3 December 2017


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Joined 3 December 2017
16 MAY 2018 AT 14:47

न जाने सालों बाद कैसा समां होगा,
हम सब दोस्तों में से कौन कहा होगा…!
फिर अगर मिलना होगा तो मिलेंगे ख्वाबों मे, जैसे सूखे गुलाब मिलते है किताबों मे….!! 

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4 DEC 2019 AT 1:08

जिससे प्यार था वो कभी मिला नहीं,
जो मिलें उनसे कभी प्यार नही हुआ।

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31 MAR 2019 AT 5:23

इस तरह देखता रहा
बहती हुई नदी को
जैसे तुम्हें देखता हूँ!

मैं रेगिस्तान का आदमी
और किस तरह देखता
बहती हुई नदी को!!

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31 JAN 2019 AT 22:57

आलम ए मोहब्बत
कुछ इस कदर है
अब हमारे दरमियान की मिलते तो रोज़ है
पर एक दूसरे की डीपी से...

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31 JAN 2019 AT 18:13

कुछ तो पता चले
तुम दर्द हो,दवा हो ??कुछ तो पता चले..
किस बात पर खफा हो,कुछ तो पता चले..
कैसे भला जानू क्या हाल है तुम्हारा कुछ तो पता चले..
आओ, मिलो, बताओ, कुछ तो पता चले।

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29 JAN 2019 AT 14:47

हमसे मोहब्बत करने वाले
रोते ही रह जाएंगे
हम जो किसी दिन सोए
सोते ही रह जाएंगे

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27 JAN 2019 AT 23:55

बेशरम हो गई है ये ख्वाहिशें मेरी,
मै अब बिना बहाने के
तुम्हे याद करने लगा हूं।

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21 JAN 2019 AT 21:32

अमीर नहीं हे साहब...ज़मीर ही ऐसा रखते हे..जिसकी कोई बोली नहीं लगा सकता..!!

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21 JAN 2019 AT 1:32

तुझसे ज़्यादा इज्ज़त मैं "तवायफों" की करता हूँ l
वो एक रात तो किसी से "वफ़ादारी" करती हैं ll

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20 JAN 2019 AT 21:39

मंजिल पहुंची राही के पास,
राही बना मुसाफिर,
ठग पहुंचा लुटेरे के पास,
लुटेरा लूटा फिर,
दोस्ती पहुंची दिल के पास
दोस्त बना आशिक़ फिर,
नफरत पहुंची मोहब्बत के पास,
दिल टूटा फिर..,

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