मौसम कुछ खिला-खिला सा है,बहार के तो क्या कहने
दिल थामे रखना 'मनीष' कयामत आ रही है चश्मा पहने।-
What if the bright golden frost,
scattered all around you,
on the road at midnight,
while stepping in search,
of your own existence......???-
मोहोब्बत करती हूँ तुमसे बहोत!,
पर बताऊगी कभी नही।
फिक्र भी रहती है तेरी बहोत।
पर कभी जताऊगी नही।।-
प्यार तोह ये आँखे करती हैं।
फिर दर्द दिल मे क्यूँ होता हैं।।
खता इन निगाहो की होती हैं।
सजा इस दिल को क्यूँ मिलती हैं।।-
चलो आज भी इस उदासी भारी शाम को जी लेते हैं
चलो आज उनसे कुछ हसीन बातें करके देख लेते हैं
चलो आज एक बार फिर उन्हें मुस्कुराता देख लेते हैं
चलो आज फिर वो पुरानी प्यारी यादें याद कर लेते हैं
चलो आज एक बार फिर उन्हें उसका होते देख लेते हैं
यूं तो पहले भी देखी थी मैंने उनकी इश्क़ की बाजार ,
आज एक बार फिर उनके इश्क़ के बाजार में लगी मेरे
इश्क की नीलामी को याद करके देख लेते हैं...🙂🙂
चलो आज इस शाम को भी जी लेते हैं..............
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मै तोह तुम्हारे बिना जी ही नही सकती।
फिर किसी को चाहने की बात ही अलग है।।-
जितना मर्जी उतना बदल को खुद को
लेकिन हर बार मुझे अपने साथ पाओगे
रुख मोड़ लो चाहे किसी मोड़ पर
हर मोड़ पर मुझे खुद के साथ पाओगे
रास्ता बदल लो चाहे कोई सा भी
हर रास्ते पर मुझे एक राही पाओगे
अगर छोड़ना भी चाहो तुम साथ मेरा
लेकिन अफसोस छुड़ा नहीं पाओगे
इसलिए मंजिल चाहे कोई सी कही भी हो
जनाब हमें तो आप अपने साथ ही पाओगे।-
' Topper ' ने भी नाम कमाए हैं
मग़र नाम बनाकर,रख नहीं पाए हैं
हम ' Back Bencher ' हैं हुजूर
हमसे ज़रा बच के रहियेगा
हमने भी ना जाने,क्या-क्या गुल खिलाए हैं..
जो पढ़ने लिखने में ' weak ' होते हैं
वो बहोत ज्यादा ' Unique ' होते हैं
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वो फासले बढ़ाने की और हम
उन्हें घटाने की कोशिश में रहे।
उन्होंने बीच में दूरियां बनाई
और हम उन्हें तय करने में रहे।
बस इसी फासले की बहस में
एक फासला हो गया ।।🙂🙂-