कहता है कोई मेरे हक़ में तो
कोई मेरे ख़िलाफ़ कहता है
उसकी बातें समझ नहीं आती
जो यहाँ साफ़ साफ़ कहता है
-
Manish Kumar
(मनीष 'मुसाफ़िर')
3.0k Followers · 83 Following
Shayer...🎤🤵🎤
25 जून 🥰🎉🥰
दर्द हर लफ़्ज़ में, भरा इतना ,
देखिये ख़त से,ख़ून रिस रहा है ।
श... read more
25 जून 🥰🎉🥰
दर्द हर लफ़्ज़ में, भरा इतना ,
देखिये ख़त से,ख़ून रिस रहा है ।
श... read more
Joined 21 November 2020
20 MAR AT 9:03
18 MAR AT 21:22
गुज़ारे किस तरह से दिन बताओ यार मुल्ज़िम भी
बरी होता नहीं तब तक उसे क़ातिल समझना है-
28 JUL 2024 AT 6:35
मुशायरे तो बहुत लूटे 'मोहतरम' ने जनाब
पर आज तक उसे कोई पकड़ नहीं पाया
-
1 JUL 2024 AT 12:55
हाल-ए-दिल अपना सुनाना छोड़ दे
हर किसी को आज़माना छोड़ दे
याद करते हैं ज़रूरत पड़ने पर
उस गली में आना-जाना छोड़ दे
दोस्ती की ऐसी फ़ितरत ही नहीं
जो नए ख़ातिर पुराना छोड़ दे
फेर लेंगे मुँह तेरे अपने ही याँ
बस तू हाँ में हाँ मिलाना छोड़ दे
गूँगे बहरों की है बस्ती "मोहतरम"
इनके आगे गिड़गिड़ाना छोड़ दे
-मनीष "मोहतरम"-
9 APR 2024 AT 9:20
ग़म हर कोई ख़रीद नहीं सकता 'मोहतरम'
कुछ सिर्फ़ दाम पूछने ही आया करते हैं
मनीष "मोहतरम"
-