मानवता से प्यार करो
सभी धर्म हमारे है
सबका आदर-सम्मान करो-
Jb jung mahabbat ko paane ki ho
To masumiyatta , najukta bhi hatyar utha leti hai....
Ye sb mohabbat ki sacchai pe nirbhar hoga..
Jb mohabbat hi nhi to ladhai kis baat ki hogi?
Ye duniya mulkh,Mahjab pe
Nhi chalti , pr siyasat chalti hai
Ye duniya manvata, mohabbat se chalti hai...
-
*बरसने लगेगा सौहार्द रस*
बदलीं समय व परिस्थितियां
बदल गए हैं मानव के भाव
भाईचारा सौहार्द बदल गए
सभी ओर पाश्चात्य प्रभाव
जीवन के रंग ढंग बदल गए
बदला है लोगों का व्यवहार
नाते रिश्ते संबन्ध बदल गए
स्वार्थ वसीभूत बने व्यापार
जिजीविषा लगती बेईमानी
बाह्य दिखावा शोर सुहाना
नाम की खातिर हो बर्बादी
दौड़ रहे पर न दिखे मुहाना
-
उच्च शिक्षा और महंगे कपड़े मानवता
की शिक्षा दे या ना दे पर,
संस्कार हमेशा ऐसा कर सकती है।-
मैं एक गीत हूँ
जो साहित्य में रची जाऊंगी
अल्फ़ाज़ों के मधुर सुर से संपूर्ण
साहित्य को महकाऊंगी
दर्पण है साहित्य समाज का
तो मैं दर्पण बन जाऊंगी
समाज को मानवता का आईना
दिखाऊंगी
यथार्थ की ज्योति जो साहित्य ने
जलाई है ,उसे मशाल बना जाऊंगी
संपूर्ण साहित्य को प्रेरणा का स्त्रोत
बना जाऊंगी
-
मानवता की नीव को पहचानते है
देश के प्रति अपने विचार बांटते है
वह मानवता को अपना धर्म मानते है|-
इस अंधेयुग में अंधेरनगरी में खो गए
जो हाथ साथ देने के लिए बने थे
वो जीवन रूपी मझदार में फंसकर
अर्थहीन हो गए।-
हैवानियत की दीवारों से टकरा कर,
इंसानियत यूँ तार तार हो रही है |
न रह गया महफूज अब तो बचपन ,
मानवता हर कदम शर्मसार हो रही है ||-
उठे थे मानवता को जगाने
मानव जागा नही खुद ही
जगत में खो गए
इंसानियत जो इंसान में
हुआ करती थी
उसी में बेईमान पैदा हो गए-