जो जाहिर हो जाए वह दर्द कैसा और जो दर्द को महसूस न कर सका वह हमदर्द कैसा??
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आँखें मूंदकर इन फ़िज़ाओं में गर,
तुम मुझे महसूस करते,
मेरी ख़बर..
तुम्हें ये हवाएं ख़ुद ही बता देती,
बेशक हम साथ नही,
पर ये मुमकिन नहीं तेरा ख़्याल नही।
तन्हा रातो में तेरा एहसास ही सुकून है,
बेबस भीगी आँखों को,
अब इससे भी शिकायत नहीं।
ऐ बेख़बर जिसे तुम पहरा कहते हो...
अपनी नज़रों से अब..
ज़रा परदे को हटा कर देखो,
ये पहरा नहीं,प्यार ये गहरा है,
जो इन हवाओं,इन यादों से वाबस्ता है,
रोक सके इन्हें ..
ऐसी कोई दीवार भी नहीं।
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दिल की बात......
शायर नही हूँ मैं
जो महसूस करता हूँ वाही लिखता हूँ....!!-
सुकून ही तलाशते है सभी,महसूस किया है मैने,
रिश्तों के तमाम नाम , चाहे कुछ भी हों...-
❤ प्यार को महसूस किया है ❤
तुमने कभी झुआ नहीं फिर भी महसूस किया है।
तुमने कभी देखा नहीं फिर भी दिल धारकता है।
तेरी बातों से लगता है कि तुम्हारे आस पास हूँ में।
मेरी सांसे भी अब गिरफ्तार होने लगा है।
तुमने कभी झुआ नहीं फिर भी महसूस किया है।
अब मेरी जिक्र में तुम्हारी फ़िक्र होने लगा है।
शायद तुम्हें ज़िन्दगी में पा कर ये दिल बहुत भी खुश हो गया है।-
मैं जब भी अकेले में बैठता हूं,
और खुद को देखता हूं,
खुद के बारे मे सोचता हु,
तो मुझे ये महसूस होता है कि,
मैं कितना बदल गया हूं..
ना किसी से ज्यादा बात करना,
ना किसी को दोस्त बनाना,
न प्रेम की इच्छा रखना,
हर वक्त बस गुमसुम रहना,
हर वक़्त खुद में ही व्यस्त रहना..
यतार्थ..पहले मैं ऐसा बिल्कुल भी नहीं था..
शायद बहुत कुछ बदल गया सिर्फ आपके जाने से...
Miss You Papa..-
तन्हा तो मैं पहले भी थी......
जब से तुम आऐ हो मेरी जिन्दगी में,,,,,
तन्हाईयों को महसूस करने लगी हूँ.....-
तुम वो महकती फूल सी
तुम्हे करीब से छुआ है मैंने !!
तुम्हारे लफ्ज़ तो हर कोई समझ गए
तुम्हारे ख़ामोशी को पढ़ा हैं मैंने !!
चलते चलते हम यू ही खो जाते है
तुम्हारे हाथ इस तरह थामा है मैंने !!
ना जाने सफ़र कितना लंबा होगा
ना जाने कितनी मुश्किलें होगी
हम हमेशा तेरे साथ खड़ा होगे
हां कुछ इस तरह वादा किया
है खुद से मैंने !!-
तुमसे कितनी मोहब्बत है
कभी बयां नहीं कर सकता
मैं चाह कर भी अपनी मोहब्बत को
साबित नही कर सकता
की इस दिल ने कितनी मोहब्बत की है तुमसे
क्योंकि.........................
सच्ची मोहब्बत साबित नहीं किया जाता है
बस दिल से महसूस किया जाता है ,-
Kabhi mahsus kiya hai
Aankhon se bahata aansu nason se bahata khoon
Garam hota hai
Kabhi mahsus kiya hai-