sarvesh bharadwaj  
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कृपया लिखें हुऐ शब्दों को शायरी ना समझें धन्यवाद....😊
Joined 3 February 2019


कृपया लिखें हुऐ शब्दों को शायरी ना समझें धन्यवाद....😊
Joined 3 February 2019
25 SEP 2024 AT 10:28

आज जिगुतिया है हां हां पता है
आप शहर वाले है आपको पता नही होगा....

तो आपकी जानकारी के लिए बता दे की ये वो त्योहार है जो
मां अपने बेटे के लम्बी उम्र के
लिए करती है

और हां ये इतना आसान भी है की मां को 24 घंटे के लिए निर्जल रहना परता है बस सिर्फ इस लिए की उसके बेटे की लम्बी उम्र हो और उसे दुनिया की हर खुशी मिले

आसान नही है दोस्त आसान बोलना ये सिर्फ मां ही है जो आपके लिए निस्वार्थ करती वो भी इस लिए की आप खुश रह सके.....


तो जिगुतिय कर रही हर मां को मेरा परनाम हैं

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8 AUG 2023 AT 18:24

सब को आजमा के देख लिया
अब बस ख़ुद को आजमाना है..!

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10 OCT 2022 AT 20:46

इतनी आंधी के बाद भी
वो पौधा वैसे ही खड़ा था

क्योंकि उसे झुकना आता था...😊

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21 MAY 2022 AT 8:57

चलो मैं शाम बनता हूँ
तुम ज़ाम बनोगी क्या
कर लूं प्यार तुम से मैं
मेरे प्यार का अंजाम बनोगी क्या..!!

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3 MAY 2022 AT 21:29

चलो अब हम भी बेंच रहे है
ख़रीदो गे दिल मेरा......!!

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29 SEP 2021 AT 16:31

ज़िन्दगी का सफर कुछ ऐसा लग रहा है
चलते हुये भी सब कुछ ठहरा सा लग रहा है
कुछ ऐसे नाराज है जिंदगी हम से
और पीठ पे ज़िम्मेदारी का बस्ता भारी लग रहा है..!

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28 SEP 2021 AT 20:19

सफ़र में अगर हम भी बदल जाये
तो ताज़्ज़ुब ना कीजियेगा...
ख़ुद को निहारियेग और अपना
पुराना वक़्त याद कीजियेगा...!!

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24 SEP 2021 AT 12:55

आज शाम तुम्हारी गोद में सर रख के सोना चाहता हूँ
अपनी अंशु से तुम्हारी पल्लू को भिगोना चाहता हूँ
ज़िन्दगी घिरी है परेशानियों में अब कोई आहट भी नही है
माँ सिवा तेरे ज़िन्दगी में अब कोई चाहत भी नही है...!

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22 SEP 2021 AT 11:41

क्या कहे क्या ना कहे ये दिल की रज़ा है
उगता सूरज ढलते हुये ये केह गया.....
अकेलापन में भी बहोत मज़ा है........!!

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22 MAY 2021 AT 21:39

एक शाम इतनी पीना चाहता हूं
जहाँ सिर्फ़ तू याद रहे तेरी याद नही..!!

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