मैं तेरी बेरुखी लिखूंगा,
तुम मेरी बेकरारी लिखना!!-
शब्दों का भी तापमान होता है..
ये सुकून भी देते हैं और जला भी देते है....
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भगवान महेश से ही है महेश्वरियोकी पहचान
जेष्ठ शुक्ल नवमी है विश्व उत्पत्ती दिन महान
डिजिटल तरिकेसे हम महेश नवमी मनाएंगे
सेवा,त्याग,सदाचार यह धर्म सदैव निभाएंगे
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मैंने तेरे लिए न जाने कितने खून बहाए.....
तुझसे मिलने के लिए school तक आए..
मगर फायदा क्या हुआ इस भागदौड़ का...
न तुम हमको मिल पाए न हम तुमको मिल पाए
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तुमने तो अपनी अलग दुनिया बना ली
अपनी जिंदगी किसी और के साथ बिता ली
मगर हमारा क्या हम तेरे बिन कल भी खाली थे
आज भी हैं खाली..................................
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न कौशिश खुश रहने की करो ।
न कौशिश खुश करने की करो ।
इनकी बस ,तलाश करो .... ।
अत्र करो तत्र करो सर्वत्र करो ।
पर ध्यान रखना ..
खुशियां बटोरना मत, बांटना ।
फिर देखना...
ज्यों ज्यों इन्हें बिखराओगे ..
पता भी नही चलेगा,
कब.. तुम महक जाओगे ।।-
सब्र एक ऐसी सवारी है
जो अपने सवार को
कभी भी गिरने नहीं देती...
न किसी के कदमों में
और न किसी की नज़रों में...!!!
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हिन्दू सांस्कृतिक सभ्यता -
क्या अद्भुत है दिव्यता...
आज भाद्र शुक्ल पंचमी
ऋषियों को समर्पित
दिव्य ऋषि पंचमी ।
आज माहेश्वरी बहने अपने भाइयों को ऋषि तुल्य मानकर - उनके हाथों में , दिव्य रक्षा सूत्र बांन्धकर
उनके चिर दिव्यता की कामना करती है ।
ग्रुप में अगर कोई माहेश्वरी बहन है -
तो आज मुझे
इस पवित्र बंधन में बांध सकती हो ।
जय महेश ।
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