देश का मजदूर (Part-2)
लोग जी रहे थे हर रोज,
वो एक पल में सौ दफ़ा मर रहा था,
लोगों को घर से निकलने की जल्दी थी,
वो घर पोहोंचने को कर रहा था,
लोग अपने घर में Cooler और AC लगाये बैठे थे,
वो 44°C में पैरों में छाले लिये आगे बढ रहा था,
लोग घर से 10 कदम चलने को मूकर रहे थे,
वो 1000-1200KM पैदल अपने घर जा रहा था,
लोग अपने घर को हर रोज देख कर पक चुके थे,
वो बस अपने घर की एक झलक पाने को बेकरार था,
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