कुछ लोगो को हम गलत नजर आते है
जरूरी नही की, वो सब गलत ही हो...
हो सकता है..
हमारे कुछ "ऐब" उन्हें सही ना लगते हो
कुछ लोग हमे, बेवजह ज्ञान देते रहते है 😂
तो जरूरी ना है, की वो ज्ञानी ही है
हो सकता है, आपके सिवा कोई उनकी
सुनता ही ना हो...
कुछ लोग दिन रात मुसीबत में ही फसते रहते
जरूरी ना है की, उन्हें ये 4 दिन की चांदनी वाला
लव ही हुआ हो...
हो सकता है.. कुछ family इशू हो...
कुछ लोग फ़ालतू की बकवास किया करते है
मैं सीधा सीधा ना बोल सकती 😝
पर जरूरी ना है... की वो आपको ही सुना रहे हो
हो सकता है,, खुद का परिचय दे रहे हो 😒
कुछ लोग इतने सीधे होते है, की मतलब का.
भी मतलब निकाल के बताओ
तो हो सकता है, उनको ना पता हो....
जरूरी थोड़ी ना, की वो कमीना/कमीनी हो 😒-
Kamaal hai Jhuthi baaton me sacchai ka hunar rakhte ho aap
batton me sahad mgr hathon me khanjar rakhte ho aap-
कुछ बातें अभी भी बाकी है,
मगर कुछ बातें अधूरी ही अच्छी लगती है|— % &-
हम सब हमेशा लोगों में अपनी खुशियाँ ढूँढते हैं,
कभी उन्हें पाकर,
कभी दूर से देखकर,
तो कभी बस पास महसूस कर के!
भूल जाते कि
कोई कब तक पास रह सकता भला,
और कब तक किसी के मौजूदगी
को महसूस कर जीया जाए!
हमें समझना चाहिए,
अपनी खुशियों की वजह
किसी और को ना बनाकर
स्वयं ही बनना होगा,
और कभी कभार तो
कुछ खुशियाँ हमें
लोगों से दूर होकर भी मिलती हैं!! :)-
Chalo kuch purani baaton ko fir se taza karte hai
Apni chahat me thoda aur izafa karte hai..-
"कुछ बातें"
कुछ बातें कही नहीं, समझी जाती है।
लेकिन जब बात कहने वाला ही,
बात और तुम से मुंह मोड़ जाए,
तो वह रिश्ते की आखिरी हद मानी जाती है।
जुबान को सिर्फ वही बोली आती है,
जो दिल में होती है।
और जो दिल में होती ही नहीं,
वह दूसरों के समझने के लिए,
छोड़ दी जाती है।
जो कहना चाहिए था,
वो मेरे लिए पहेली बना के छोड़ दिया।
और जो नहीं कहना चाहिए था,
उन बातों से मुझे मरने के लिए छोड़ गया।
आखिर में गलत ही बताना था तो,
सही होने का झूठा विश्वास क्यों कराया।
कुछ पलों की खुशियां देकर,
बाद में एहसान क्यों जताया।
नीचा ही दिखाना था तो,
पहले सच्चा साथी क्यों बताया।
धोखा ही देना था तो,
पहले प्यार क्यों दिखाया।-
mein zindagi se juuj kar sochta hon,
ke ye nile aasman ko dekhta hun,
ye aasman mujhse udd jane ko kehta hai,
aaye MAA tere aanchal mein chup jaane ko kehta hai....
bahut sataya hai iss zindagi ne mujhe,
ab thak-har ke rooo jaane ko kehta hai,
bahut toot chuka hoon andar se, ab ye dil bas ruk jane ko kehta hai,
Ye aasman mujhse udd jane ko kehta hai,
aaye MAA tere aanchal mein chup jaane ko kehta hai....!-
तुम्हें मुस्कुराना पसंद है, और मुज़े तुम्हें मुस्कुराना पसंद है....
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Pehle jiska koi nhi tha
Uske sath God the!
Ab jiska koi nhi hota hai
saari *galtiyan usi ki hoti hain!
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