मेरे ख़्वाहिशों के पर भी वही कतरता हैं,
जो मुझमें बेबाक उड़ान का हौंसला भरा करता है!-
तुमने तो बेशक छ़ोड़ दिया मेरी गली में आना,
पर ख्वाहिशों के झरोखों से मेरी ये निगाहें,
आज भी बालकनी में खड़े होकर,
तेरा इंतज़ार करती हैं!!
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ख्वाहिशों को वक्त कीे नज़ाकत ने मारा,
किस्मत पर भरोसा करना तो खुद,
इंसान ने सिखाया।
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Khwahisho Ke Samandar Me, Zaroorato Ki Ek Nadi Milti Hai..
Ye Zindagi Yu Hi, Roop Badal Badal Kar Chalti Hai..-
Khwahishon Ke Mohalle Jane Ke Liye
Zrurat Ki Galiyon Se Guzarna Pdhta Hai-
ख्वाहिशों और आज़माइशों के इस दौर में,
एक साल और गुज़र गया यादों के शोर में-
ख्वाइशों का सफर
माना मंज़िल है बहुत दूर,हौसलों का सफर अभी बाकी है|
साँझ का दीपक बुझने को है,सुबह की पहली किरण अभी बाकी है|
दिनकर के ज्वाला से पॉँव है छल्ली हुए,वृक्ष की अति घनी छाया आनी अभी बाकी है|
घर छूटा घर बार छूटा प्यारा सा संसार छूटा,पर ठोकरों का सफर अभी बाकी है|
चल पड़े है रोटी के खातिर अजनबी गलिओं से होकर,
मन की कश-म-कश अभी बाकी है|
- विनीता सिंह
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Khwahishon ke Samundar Mein
Dubana to Aasan hai
Per usse Bahar Aana
Utna hi Mushkil-