उन पलों को क़ैद कर रख है, मैंने दिन में,
जो बिताएँ थे हमने साथ, कितने दिल से..-
I just can’t read the weather in her eyes,
One moment calm, the next—storms rise.
I stand confused by her mood’s wild swing.
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न जाने वो किस शख़्स को ढूँढती है मुझमें,
जबकि मैं तो हमेशा, मौजूद रहता हूँ उसमें..-
चूल्हे की आँच पे, जब ‘चाय’ रखी,
मोहब्बत की ख़ुशबू भी साथ रखी,
चीनी थी कम, पर मिठास बेहिसाब,
उसकी निगाहों का असर लाजवाब;
वो चुप था, मगर दिल कह रहा था —
ये चाय नहीं, ‘इश्क़’ का सफ़र था..-
He held my hand when I was small,
Stood behind me through every fall.
A silent strength, so firm, so true—
Dad, the world felt safer with you.
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बचपन में उँगली पकड़कर
हमें चलना सिखाया,
ख़ुद ठोकरें खाईं, मगर हमें
सही रास्ता दिखाया;
अपनी थकान का हमसे कभी
ज़िक्र नहीं किया,
वो पिता ही थे, जिन्होंने हर
दुख चुपचाप झेला…-
रोज़ इस तरह से ज़िंदगी को तू जीना,
जैसे हर लम्हा आख़िरी साँस सा हो;
मौत छींक बनके जो आएगी इक दिन,
रूमाल भी जेब से निकाल न सकोगे..
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He smiled through storms, dreamed beyond the skies,
Today, we remember the star who never truly dies.-