QUOTES ON #KHWAB

#khwab quotes

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2 SEP 2021 AT 23:04

भरे जख्म फिर से सताने लगे है
वो फिर से कही दिल लगाने लगे है
जिन्हे भूलने मे जमाने लगे है
वो अब गैर संग नज़र आने लगे है
दवा वो नशे से भुलाए जो सपने
वही ख्वाब आँखो मे छाने लगे है
जो गुज़रे है वक़्त क़यामत के जैसे
उसी दौर मे हम जाने लगे है

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21 MAY 2020 AT 19:06

जितना हम सोच लेते है
कदम बढ़ाने से पहले ही ना जाने क्यों मुंह मोड़ लेते है
मुश्किलें हमेशा तो नहीं रहती उनसे भी हम लड़ सकते है
थोड़ी प्रयास कर अपने ख्वाबों को हम भी तो हकीकत में बदल सकते है

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17 MAY 2021 AT 6:24

Wo mere khwabon mein aata hai, so jaata hai.

Jab ankhen bat karti Hain Ankhon me kho jata h.

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22 NOV 2018 AT 19:01

मैं एक ख़्वाब के अंदर बिखरता जाता हूँ
ख़ुदा के वास्ते कोई मुझे उठाओ भी..

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बिखरे जुल्फों की लटें,
चेहरे पर ठिकाना ढूंढ रही हैं।
कभी होठों पर,कभी गालों पर बिखरकर,
उन्हें चूमने का बहाना ढूंढ रही हैं।

भर के नज़र वो देखें भी तो कैसे हमें,
जिनकी नज़रें आज बग़ावत कर रही हैं।
चौबारे के उन खिड़कियों से इशारा करके,
दामन को एक सलीके से ले रहीं हैं।

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22 OCT 2019 AT 16:31

सोचा था उंचाई मुकम्मल होगी तो,ख्वाब हासिल होगा!
पता चला, ख्वाब की कोई उंचाई नहीं होती!!

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18 OCT 2021 AT 8:25

सोचा था ख्याबों को हकीकत बनायेगें ।
आलम ये हुआ कि ...
अब हकीकत भी फंसाने बन गये॥

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वर्षो बाद गम ने अपनी मौजूदगी दिखाई है,
उस रातों के बाद,हमें नींद नही आयी है।
ख़्वाबों में जाने के लिए मुंतजिर बढ़ आयी है,
उस रात के बाद हमें नींद कहाँ आयी है।

आँखें बंद करूँ जब,पाज़ेब की खनक के संग
कानों में वादियों की धुन,मोहब्बत ने सुनाई है।
ऐसा लगता है उनका जाना एक बुरा सपना था,
और चेतना आयी जब,तो उम्र ढल आयी है।

ज़िन्दगी के सफर में असमंजस कुछ यूं बन आयी है,
मौज-ए-हवा भी आज दर्द का बादल लें आयी है।
रास्ते हैं अनेक और पैरों में यादों की जंजीर लगाई है,
ये इश्क़ हमें आज,नजाने किस मोड़ पर ले आयी है।

कैसे बताऊं की कितनी मोहब्बत है उनसे,
जिसका पैमाना खुदा ने न बनाई है।
ये क़लम भी अब बेवफ़ाई करने लगे हैं,
जिसे सच लिखने की चूल मच आयी है।

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17 JAN 2019 AT 22:32

कभी हवा, कभी पानी, कभी खुशबू,
तो कभी बहार बन के आ जाएंगे,
हम तेरे ख्यालों के अखबार में,
अनचाहे इश्तिहार बन के आ जाएंगे।

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11 SEP 2018 AT 23:06

कुछ इसलिए भी
जल्दी उठते हैं
ये आँखें इतनी देर ख्वाबों का
बोझ झेल नहीं पातीं।

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