Karwaan
Nawajishon ka kya kare, kis kaam ki
Jo ja chuka mud kar wapis kabhi na mila.
Safar mai nikale the, usi gali mai laute ek roj
To darwaza unhi ka phir khud ko khula na mila.
Phir milna na milna to ab usi ki marji hai,par
Wo Hasin adakara hain,jo ek dafa gale bhi na mila.
Khurafatiyon se abhi thaki nahi zindagi magar,
Masla ye hai Wo shaks ab kisi or kheme mai ja mila.-
हजारों manzilein होगी
लाखो karwaan होंगे
Nigaahain हमको dhundegi
ना जाने हम ,कहा होंगे-
कारवां ए इश्क़ ले के निकले भी तो यूं,
अपना घर तक भूल गए तेरी दहलीज तक आते आते....-
ख़ुशनुमा मौसम और ये तन्हाई
इस जैसा नशा और कहाँ होगा
अभी तो जन्मी है नज़्म ज़हन में
अभी तो मुकम्मल कारवाँ होगा ।
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कई लोग मिलते हैं राह में
कुछ साथ चलते हैं तो कुछ बिछड़ते हैं
जिंदगी यूंही चलती रहती है-
" बदलता शख्स "
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आज इक शख्स हमारा बदला है
झील सी लहरों का वो किनारा बदला है
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चारों ओर से छाया है अँधेरों का कारवां
नज़रें गुम हुई और सारा नज़ारा बदला है ।।-
कारवां-ए-ज़िन्दगी में कोई साथी नहीं मिला,
मिला जितना भी उतना काफी नहीं मिला!
ये तिश्नगी का आलम कायम रहा उम्र भर,
मैं यूं ही रहा मुंतज़िर कोई साकी नहीं मिला!
एक सच ये कि अब तलक ठहरा हुआ हूं सफर में,
एक झूठ ये कि कभी घर से बाहर नहीं गया!
ये मुहज़दा है कि वो मुझे आधा मिल गया था,
और अजियत ये की वो मुझे बाकी नहीं मिला!
यूं कब तलक महव-ए-हैरत में रहा जाए अर्पण,
आजमाया उसे जिससे मुक्कदर नहीं मिला!
बताने वालों ने बताया कि वो पत्थर दिल है,
मैंने बहुत ढूढा पर उसके दिल में पत्थर नहीं मिला!!-
वो गुस्ताख़ ये गुस्ताखी कैसे कर गया,
शायद कोई लफ्ज़ जुबां से भटक गया.?-