आंख में पड़ा तिनका; पैर में
घुसा काटा और रूई में दबी
आग से भी ज़्यादा भयानक
है, दिल में छिपा कपट और
पाप....-
अगर विचार शुद्ध हो
निश्छल पवित्र मन का
सबके दिलों में राज करता हो
कपट मन का कहीं नाम न हो
प्रेम और सौहार्द से भरा हुआ हो
आत्मा से परमात्मा का मिलन हो-
छल ,कपट , ईर्ष्या और द्वेष
इसके समक्ष कुछ ना शेष,
गैरों की तो बात ही छोड़िए
अपनों ने धरे हैं इसके भेष.....-
दिल से साफ रहो
किसी के बुराई से बदला लेने के लिए खुद बुरा,
मत बनो क्योंकि ये भगवान को नहीं पसंद।
उन्होंने स्वयं कहा है....
मोहि कपट छल छिद्र न भावा
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छल : DECEIT , DECEPTION
रिश्ते-नाते,कसमें-वादें
ये सब छल,कपट और माया
ये दुनियां में अपना पैसा सच्चा
बाकी सब बुरा,गलत,पराया
इसने अपनो को अपनो से लड़ाया
इसने रिश्तों को दफनाया
इसने हंसते को रुलाया
जो रोता था वो अब पगलाया
इसने खुशियों से टिमटिम ते घर का दीया बुझाया
और इसने ख्वाबों को जलाया
ये माया
बुरा साया
इसने सच्चे को हराया
ये जूठे के पास आया
इसने लोगो को मरवाया
इसने कमज़ोरों को डराया
ये लोगो के दिल में समाया
इसने तेरे और मेरे ज़मीर को लुभाया
अमीरों को ललचाया
गरीबों को तड़पाया
लाया यही दुनिया में क्रान्ति और काल लाया
और ऐसे ये पैसा कलयुग का परमेश्वर कहलाया।-
सच लिखा है ग़ालिब तुमने या तजुर्बा कम रखते हो
माँ भी कहते औऱ तुलना भी करते हो-
छल, कपट, फरेब का व्यापार लिए बैठा है
यहां हर कोई जुबां पे तलवार लिए बैठा है
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छल कपट को व्हाइटनर से पौत दिया
और छिपी हुई गलती को भूल का नाम दे दिया।।।-
YA RAB NA HO KBHI MAYOSI DIL ME,,
YA RAB NA RAHEY KBHI KEENA KAPAT DIL ME,,
YUN TO KEHTA HU K NHI HAI KUCH DIL ME,,
TU JAANTA HAI K KYA KYA HAI KIS KIS K DIL ME,,-
chhal or kapat se ,
ki gye kamyaabi,
kabhi zindagi bhar,
sath nahi dete,
ye satya toh,
Mahabharat,
mai darshaya hai.-