कतरा कतरा बह रहा था ये रक्त इश्क सा ,
रगों के बेगाने रास्तों से अब उन्हें आज़ादी चाहिए थी।-
Chemical engineer
Msd❤️❤️
Messi ❤️❤️
Insomniac
From Gujarat
Joi... read more
सिर्फ शाम के सिरहाने मैं होता था दूर मलालों से
वरना रातें मेरी दिन के खयालों में कटती थी और दिन मुस्तकबिल के सवालों में ।-
उजाले की आस से दूर कितना तमस ये कोना है
हमे नूर की,रोशनी की जरूरत कहां हमे तो बस रोना है।-
दिन के गम और रात में तन्हाई के तमाशे
यहां रोने को एक कंधा न मिला और ये रूह मरने को चार कंधे तलाशें ।-
मेरे ज़ेहन में मेरे हालत पे मेरे खयाल और मेरी सोच चिल्ला रही है ,
लबों पर रुक जाती थी जो बातें वो लफ्जों में कलम लिखी जा रही है ।-
ये दर्द , दुख , घाव ऐसा है की भरता नहीं ,
अपने न चाहने पर भी अपने तो गुज़र जाते है ,
पर ये दर्द-ए-हिज्र है जो गुजरता नही।-
तू चाहत थी मेरी
न जानें कब तू इबादत बन गई
तू ज़रूरत थी मेरी
न जाने कब तू आदत बन गई।
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ख़्वाब टकराते रहें मेरे,मेरे अपनों के साथ
कमबख्त मेरी ख्वाहिशें भी मुझसे ज़्यादा मेरे अपनों की थी।-
ढूंढना : TO FIND
तुझमें ढूंढ रहा हूं वो जो कबसे मुझसे छुपी है,
मेरी वो हसीं जो तेरे होठों पे बसी है।-
उनके प्यार में सच्चाई कितनी ?
जो हर हसीन चेहरे को अपना यार समझे,
मेरे दिल में तन्हाई कितनी?
जो उनके जूठे जज्बातों को भी प्यार समझें।-