"मृत्यु की खिड़की"
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यार विरोध करने का कोई कारण होता है कांग्रेस के कुछ चमचे बीजेपी के काम से नहीं नाम से ही चिड़ते है
अंकिता मर्डर केश में धामी जी ने 25 लाख रुपए दिए परन्तु कांग्रेस या बीजेपी विरोधियों ने इसका भी जमकर विरोध किया।
इनका मतलब साफ है कि अगर धामी जी नहीं देते तो भी इनको दिक्कत और धामी जी ने दिए तो भी इनको दिक्कत।
आप विरोध करों जो गलत है उसका, 25 लाख दुःख में आर्थिक सहायता के लिए दिए थे ना कि घूस देने के लिए तो उस चीज का विरोध क्यों कर रहे हो कम से कम इस पर तो राजनीति मत भाई,
तुम्हारे विरोध कर देने से सही काम गलत में नहीं बदल जाएगा
कृपया ज्ञान देने वाले संभलकर ज्ञान दें ❤️🙏-
#justice_for_ankita
घर से दूर गई थी तू तुझे अपना परिवार चलाना था,
क्या पता था तेरी किस्मत नेइन दरिंदो के बीच लाना था,
तेरी जैसी ना जाने कितनी बहनों ने इन दरिंदो का जुल्म सहा,
जिसने कोशिश भी की बताने कीउनकी शिकायते फाइलों में दबा रहा,
बहन तुझे न्याय दिलाने कोअब ये उत्तराखंड खड़ा है,
लोगो में तो जोश है लेकिन सारा सिस्टम सोया पड़ा है,
पूरा जोर लगाएंगे हम सब तुझको न्याय दिलायेंगे,
उन दरिंदों को लटका के फिर दिवाली मनाएंगे,।
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कल के रावण को जलाने के लिए सब इकट्ठे हैं आज , पर जो आज के रावण जेल में भी ससुराल के जैसे मजे ले रहे हैं आखिर उनको कब जलाओगे , पतले फूकने से रावण का वध नहीं होगा रावण को फूको तब रावण का वध होगा
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कौन सी इज्ज़त खोने से डर रहे हो,
जो ईमानदार बन तुमने कमाई है...
वो गुनाहगार बन भी मुस्कराते रहे, जिन्होंने एक जिंदा लड़की जलाई है...🥲🥲
"Justice for Ankita"-