अध्यापक ईश्वर नहीं होता
सरकारी वालों को फिर भी समझा जाता है
प्राइवेट अध्यापक तो इंसान भी नहीं होता
(अनुशीर्षक पढ़ें)-
"वो लड़का जिसे सन्नाटा पसंद है"
कबीर की नगरी में जन्म लिया ... read more
प्रेम सिर्फ ये नहीं है कि जब तुम उसके साथ रहे
तो कैसे रहे?
कितना प्रेम किया?
कितना परवाह किया?
कितना साथ दिया?
प्रेम ये है कि जब तुम उसके साथ नहीं हो
तो कितना उसको याद किया?
कितना उसका इंतज़ार किया?
कितना उसको जिया?
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मैं पिता की तरह दिखता हूँ
यही मेरे जीवन की सबसे बड़ी उपलब्धि है
एक बेटे के जीवन का सबसे बड़ा संघर्ष यही है
कि वो अपने पिता की तरह बने सके-
एक हादसा हुआ
एक धार्मिक किताब बच गई
लोगों ने इसे चमत्कार समझा
मैंने समझा
कि एक दिन इंसान मारे जाएंगे
लेकिन धर्म बचा रहेगा
यानी धार्मिक मारे जाएंगे
धर्म बचा रहेगा
एक दिन बूढ़े, बच्चे, स्त्री और पुरुष
सब मर जाएंगे
लेकिन पाखंड बचा रहेगा-
मैं भूल नहीं सकता
वो सारी जगहें
जहां मैंने तुम्हें चूमा था
(Read in caption)-
पहाड़ एक दिन में नहीं बनता है
न ही नदी
न ही झरने
न ही जंगल
और प्रिय
प्रेम भी नहीं होता है
बस एक दिन में
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हम कितना भी लिख ले
कि प्रेम क्या है?
कभी समझ नहीं पाएंगे
जैसे ईश्वर क्या है?
कोई कितना भी बता ले
ये कभी समझा नहीं पाएंगे
फिर दूसरा प्रश्न भी है
कि ईश्वर होता भी है कि नहीं?
और प्रेम?
क्या प्रेम भी होता है?-
बहुत अजीब सा हूं
पहले ज़िन्दगी के दुखों के लिए रोता हूं
कोई emotional मूवी देख लेता हूं तो उसमें रोता हूं
जब बहुत खुश होता हूं तो रोता हूं
जब सब कुछ अच्छा चल रहा हो तो बीते दिनों को सोच सोच कर रोता हूं
बहुत रोता हूं इसलिए भी रोता हूं
जन्म लिया तब रोया
शायद रोते रोते मारूंगा भी-