अकेले में अपने बिचारो पर नियंत्रण रखिए
और लोगों के बीच अपने जुबां पर...!!!-
उसकी निगाहें मोहब्बत का इज़हार कर देती है
पर उसकी जुबां धोखा दे जाती है हर मर्तबा-
Khamosh juban bahut kuch bayan kar jaati hai...
Najro se hi a apne aashiq ka dil churu let jaati hai..
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फकत रेशम सी गांठ थी;
जरा सा खोल ही लेते तुम,
दिल में शिकायत थी अगर;
तो जुबां से बोल देते तुम...!-
कई आंखों में अभिमान होती हैं,
तो कई आंखों में सम्मान होती हैं।
मोहब्बत की नजर से देखो जनाब,
आंखों में भी जुबान होती है।।-
Khamosh ho gayi a juban ab tujhe kya batau...
Toot Gaye sab sapne unhe dubara kaise sajau...-
बेवकूफी की भी कोई हद होती है और जिद की भी कोई वजह होती है!
बेवजह ही इस जुबान को मत चला क्योंकि इस जुबान की भी कोई कीमत होती है !!-
कहने को तो बोहत कुछ है
पर हर वक्त जुबा बोला नही करती
कभी समझ ले आखो के इशारे भी ऐ मेरे दोस्त
हर वक्त जुबा बोला नही करती
यु तो कहना बोहत सा है , पर शब्द बया नही करते
दिल की हर तकलीफ को जुबा बोला नही करते
यु तो मुस्कराते है हरदम, ताकि कोई पढ ना ले दास्ताँ-ऐ-दील
पर सबको दीखाना भी तो याहा लाजमी नही दास्ताँ-ऐ-दिल
चुपसे होजाते कभी कभार हम राज- ए- दील मे छुपाते
सिमट कर रह गये युही दर्द छुपाते छुपाते
अब लगने लगा है यह चुप्पी आदत सी बन जायेगी
यही जीने की आदत हो जायेगी
कभी तो समझ ले नजर - ऐ - बया मेरे दोस्त
क्युकी हर वक़्त जुबा बोला नही करती-
इक अरसे बाद उनका ख्याल आया और हम मुस्कुरा दिए..
हमें तो उनके साथ ही चलना था जिन्दगी भर पर अफसोस उन्होंने ही रास्ते बदल लिए...-