Please forget about "Sita Maharani",
We live in the era, where you have to be "Jhansi ki Rani".
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The best text I received today...🤗😁
Happy Republic Day...🇮🇳🇮🇳🇮🇳-
छोटी सी उम्र में तलवार लिए चली थी
कोई और नहीं वह काशी की कली थी
मुख पर तेज ह्रदय जिसका फौलादी था
मणिकर्णिका थी वह जिसका शौर्य अंग्रेजों की बर्बादी था
तात्या टोपे की शिष्या बनकर आजादी की रची कहानी थी
दुर्गा का रूप लेकर वह बनी झांसी की रानी थी
दुष्टों का नाश किया और जान उसने अपनी भी खोई
गुलाम भारतीयों के मन में उसने बंधन-मुक्त जीवन की आस बोई
Garima kulshrestha
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"झाँसी", हमारी "झांसी"
जिसकी फ़िज़ा में सियासत घुली हो ना तो ये वो लखनऊ है
और ना ही कारखानों की आवाज वाला कानपुर है
ना इत्रों की महक वाला कन्नौज है
और ना ही चूड़ियों की ख़नखन वाला फ़िरोज़ाबाद
ना ये बनारस है ना ही प्रयागराज
और तो और ये मेरठ , गोरखपुर, अलीगढ़, फैज़ाबाद और जौनपुर भी नहीं है
ये तो बस ख़ालिश "झाँसी" है रानी लक्ष्मीबाई की "झाँसी"
जिन्हें हम प्यार से बाई-सा कहते है मेजर ध्यानचंद की "झाँसी"
जिन्हें लोग दद्दा कहते है
यहाँ ना हिन्दू है, ना मुसलमान, सिख और ईसाई भी नहीं है
यहाँ सिर्फ इंसान है
तभी तो हम सब लोग मिलकर रहते है
इसीलिए हमने दीवाली पर पटाखे भी छुड़ाए तो मीठी ईद पर सेवइयां भी चखी
गुरु पर्व पर लंगर भी चखे तो क्रिसमस पर कैंडल भी जलाये
यहाँ की मिट्टी ही अलग है
जो यहाँ पर आता है यही का होकर रह जाता है
ये "झाँसी" है ही कुछ ऐसी सब को अपना लेती है
हमें गर्व है तुम पर ए-"झाँसी"
तुम ऐसी ही रहना सदा
ऐसी ही अपना प्यार दुलार देते रहना
क्योंकि हम रहें या ना रहें लेकिन तुम हमेशा रहोगी
ए-झाँसी-
मां तू दुर्गा है तू ही भवानी है
तू नदियों का बहता निर्मल पानी है
मां तू गंगा सी पाक है
तू ज्वालामुखी की दहकती आग है
झांसी में जो शहीद हुई
तू वो जोश भरी जवानी है
कर धारण रूप चामुण्डा
असुरो का जिसने संहार किया
तू वो परम सामर्थ्य वाली नारी है,
गार्गी सी तू विदुषी
पार्वती सी तू रुपवती है
तुझसे ही शुरू होती सबकी कहानी है
तू ही तीनों लोक की महारानी है
हा मां ये तेरी ही कहानी है
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धरा अम्बर भी डोल गया जिसके पाँवन चरणों से...
उसकी महिमा का मैं क्या बखान करूँ अपने कर्कस ध्वनियों से....
हर भारतीयों का मन ओतप्रोत है, जिसके महान कर्त्यव्य-प्रणायनों से....
अपनी भारत भूमि भी धन्य हुई , जिसके जन-कल्याणों से....
आख़िरी सांस तक लड़ी, मातृभूमि के रक्षा केलिए उन धूर्त फ़िरंगिओं से...
भारत के गौरव का मान रखी,पुरुषार्थ को सिद्ध करते हुए अपने स्वभिमानों से....
गोरों का मनोबल और शासन भी हिल गया जिसके एक प्रहारों से....
उनके पुण्यतिथि को श्रद्धासुमन अर्पित करती हूँ अपने भावनाओं की धाराओं से.....-
तुम भारत का वैभव हो तुम ही गौरव गाथा हो
बन कहर थी टूटी गोरों पर तुम आदिशक्ति माता हो ।।
प्राण जाये पर मिट्टी का एक कण भी ना जाने पाए
शीश कटे पर मिट्टी पर आंच ना आने पाए
सूरज सा इतिहास है यह जो गौरव दिखलाता हो
बन कहर थी टूटी गोरों पर तुम आदिशक्ति माता हो ।।
इतिहास के उजले पन्नों में तुम अमर रहोगी रानी
दुनिया ने देखा है केसरिया तलवारों का पानी
शायद ध्रुव तारा भी तुमसे हर शाम चमक पाता हो
बन कहर थी टूटी गोरों पर तुम आदिशक्ति माता हो ।।
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मत पूछ कितनी अहमियत हैं तेरी ,
मेरे झांसी जैसे मन में लक्ष्मी बाई सी कीमत तेरी ❣️
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भूल जाओ की बेटी घर की लक्ष्मी है,पालो उसे ऐसे की मानो जैसे रानी लक्ष्मीबाई है
मान मर्यादा प्रतिष्ठा में माता सीता रूप हो,जब बात उसकी आबरू की आये उसमे भी एक चंडी हो
समाज के डर से कही रुके ना वेबजह कही झुके ना
पूरी सृष्टि की जननी है वो बेटी है तो क्या,आज के बेटों से कम नही
सिखा के साथ आत्मरक्षक भी बनाओ,उस बेटी कमजोरी नही उसकी हिम्मत बन जाओ
आज सो गए है भगवाधारी, सोए पड़े है देश के व्यपारी
राम के नाम पर जान देने वालों मर गये है राम के पुजारी
उनकी बेटी तो सलामत है और दुसरो से उनको क्या लेना
जब होता ये खुद के साथ संसद तक ये जाती बात
ये फिर मिलेंगे 5 साल बाद राम मंदिर और 370 कि गाथा गाएंगे
फिर से वो निभाया और ना जाने कितने बेटियों के दर्द भूल जायेंगे
दुसरो को क्या कोशु हम भी तो वही है status और candle mrch कर के इनको भूल जाएंगे
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