तुम्हारी सादगी हमको ये सबक सिखाती है
ओछे कपड़ो के बिना रंगत दमक जाती हैं
कोई कीमती सामान जैसा है चेहरा तुम्हारा
बदन से पश्मीना के जैसी चमक आती है
बड़ी बड़ी आंखे मानो दरिया पार करके
तब तुम्हारी आँखों तक पलक आती हैं
कई शराब की बोतल है तुम्हारी आंखे में
बार बार तुमको पाने की ललक आती है
एक तश्वीर पर खूबसूरती की तलाश में
मेरी नजरें जब दूर दूर तलक जाती हैं
कपिल तब मुझे बस तुम्हारी आँखों में
एक गहरे समंदर की "झलक" आती है-
माना कि कोई गुलाब की कली हो तुम
मग़र इतना संवर कर कहाँ चली हो तुम
ये जो इतनी खूबसूरत नजर आती हो
यकीनन बहुत ही नाजो से पली हो तुम
आदतें यूँ ही खराब नहीं फिजाओं की
मैंने सुना है थोड़ी सी मनचली हो तुम
शिकायत तो जिंदगी के साथ चलती है
तुमको पढ़कर लगा बहुत भली हो तुम
खिड़की पर नहीं और गुलाब फेंक आये
आशिकों की वो पसंदीदा गली हो तुम
कितनी तारीफों को अंजाम दे कपिल
कविता का अर्थ है कि खलबली हो तुम-
आज भी तुम्हारे एक झलक से आंखों को सुकून मिलती है
तुम्हारे एक मुस्कान से दिलों को खुशी मिलती है-
उनके दीदार का मौसम
कब आएगा ,
जिनकी एक झलक
पाने को हम बेताब
रहते है ॥-
So many people have that desire
But no way,suppressed in heart that fire
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उनकी झलक से सुकून मिलता
है
ज़िंदगी के हर दिन
को उनकी
तस्वीरों से सजाया
है मैंने ॥-
पता नहीं क्यों और कितना प्यार करते है
इन ज़िस्मों के ज़माने में हम उनकी एक झलक को तरसते है-
ज़िक्र होता है जब उनका आंखों में चमक होती है,
दिल के कोने कोने में खुशियों की महक होती है।
होता है कभी यूं भी वो नहीं होते सामने मगर,
आंखों में तो हर वक्त तेरी सूरत की झलक होती है।-
Teri ek jhalak pane ke liye ye ankhe taras gai hai, ab kab tak tarpaoge apni ek jhalak ke liye.....♥️♥️
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