QUOTES ON #JAYMATADI

#jaymatadi quotes

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5 OCT 2021 AT 20:42


सुख और दुख के भवरजाल में, जब भी फस जाती हूं,
भुलाकर गम को, बीते पल को, माँ के दर जाती हूं।

सुंदर सूरत, माँ की मुरत, मुझको अतिशय भाती है,
मन की बाते कहते कहते, आँखें नम हो जाती है।

सभी व्यथा और अड़चनों को माँ से बतलाती हूं,
अश्रुधार भरी नयनों से, माँ से सब कह देती हूं।

सुनती सब है, चुप रहती है, जैसे कहती, क्यों हरपल घबराती है,
बस मुस्काकर, हाथ पकड़कर,सभी कष्ट हर लेती है।

पास बिठाकर, आस दिलाकर, जीवन रस से भर देती है,
माँ सारी दुनिया तेरी महिमा, तू ही भाग्य बनाती है ।

मैं एक अकेली, सहेली मेरी, बनी हरपल तू चहेती है।।

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17 OCT 2020 AT 20:00

खुशी आप सबको इतनी मिले
कभी ना हो दुखों का सामना,
यही है हमारी तरफ से
आपको नवरात्रि की शुभकामना…

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17 OCT 2020 AT 19:37

सारा जहान है जिसकी शरण में
नमन है उस मां के चरण में,
हम हैं मां के चरणों की धूल
आओ माँ को चढ़ाएं श्रद्धा के फूल
नवरात्रि की बधाई|

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11 JUN 2021 AT 23:28

फ़ासले यु ही नही है,
वो क़रीब है हर किसी के..शिवाय मेरे...❣️

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23 OCT 2023 AT 10:18

माँ दुर्गा के नवम दिवस को "माँ सिद्धिदात्री" की उपासना की जाती है।
मेरे भक्तों! ये सभी प्रकार की सिद्धियाँ देने के लिए जानी जाती है।
आज के दिन शास्त्रीय विधि-विधान और पूर्ण निष्ठा के साथ पूजा
साधना करने वाले साधक को सभी सिद्धियों की प्राप्ति हो जाती है।
सृष्टि में कुछ भी उसके लिए फिर अगम्य नहीं रह जाता है "अभि"
ब्रह्मांड पर पूर्ण विजय प्राप्त करने की सामर्थ्य उसमें आ जाती है।
माँ सिद्धिदात्री को देवी "सरस्वती" का भी स्वरूप माना जाता है।
इच्छाओं की सिद्धि व पूर्ति करने के लिए माँ सिद्धिदात्री कहलाती हैं।
माँ सिद्धिदात्री की आराधना से अणिमा, लधिमा, प्राकाम्य, महिमा,
प्राप्ति, सर्वकामावसायिता, ईशित्व, दूर श्रवण, परकामा प्रवेश, वाकसिद्ध
व अमरत्व भावना सिद्धि समस्त सिद्धियों नव निधियों की प्राप्ति होती है।
माँ को मौसमी फल, चना, पूड़ी, खीर, नारियल और हलवा भोग लगता हैं।
नवरात्रि के शुभ नौवें दिन ही कन्याओं को बुलाकर कन्या पूजा किया जाता है।
माँ की अनुकंपा से ही भगवान शिव को"अर्धनारीश्वर" रूप प्राप्त हुआ था।
"सिद्धिदात्री" को प्रसन्न करने के लिए बैंगनी रंग के कपड़े पहनने चाहिए।
देवी दुर्गा के नौ रूपों में यह सिद्धिदात्री रूप अत्यंत ही शक्तिशाली रूप है।
माँ लक्ष्मी सदृश्य माता सिद्धिदात्री भी कमलासन पर विराजमान होती हैं।

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22 OCT 2023 AT 21:26

"अष्टमी" नारी, शक्ति, ऐश्वर्य और सौन्दर्य की देवी "महागौरी" का दिन हैं।
इनका वर्ण गौर है जिसकी उपमा शंख, चंद्र और कुंद के फूल से दी गई है।
इनकी मुद्रा अत्यंत शांत है व इनकी चार भुजाएँ हैं व इनका वाहन वृषभ है।
महगौरी के ऊपरवाले बाएँ हाथ में डमरू और नीचे के बाएँ हाथ में वर-मुद्रा हैं।
इनके ऊपर के दाहिने हाथ में अभय मुद्रा, नीचे वाले दाहिने हाथ में त्रिशूल है।
इनकी आयु आठ वर्ष मानी गई हैं इनका समस्त वस्त्र एवं आभूषण श्वेत हैं।
अष्टमी के दिन महिलाएं अपने सुहाग के लिए देवी मां को चुनरी भेंट करती हैं।
महागौरी माता की कृपा से भक्तों अलौकिक सिद्धियों की प्राप्ति होती है।
मां मनुष्य की वृत्तियों को सत्‌ की ओर प्रेरित करके असत्‌ का विनाश करती हैं।
कहा जाता हैं कि महागौरी के पूजन से "अभि" सभी नौ देवियां प्रसन्न होती है।
एक कथानुसार भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए देवी ने कठोर तपस्या की थी
जिससे इनका शरीर काला पड़ जाता है देवी की तपस्या से प्रसन्न होकर भगवान इन्हें
स्वीकार करते हैं और शिव जी इनके शरीर को गंगा-जल से धोते हैं तब देवी विद्युत के
समान अत्यंत कांतिमान गौर वर्ण की हो जाती हैं तथा तभी से इनका नाम गौरी पड़ा।
सुनो भक्तों! महागौरी रूप में देवी करूणामयी, स्नेहमयी, शांत और मृदुल दिखती हैं।
देवी महागौरी को चंदन, रोली, मौली, कुमकुम, अक्षत, मोगरे का फूल अर्पित करें।

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7 OCT 2021 AT 5:49

Shilpa Mishra ✍️

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उपमा देवी की दे कर,
एक स्त्री को,
ये लोग दोगले से !

😕

दोनों के सम्मान का,
कोई ध्यान नहीं रखते है !

😕

ये भक्त आपके माता जी,
आपकी भक्ति का,
मात्र रास अच्छा रचते है !!

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Mere liye toh ek hai tu
Ek bhi tu haii or anek
Bhi tu hi hai maa
🙏🙏

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अपनी माँ को रख कर,
वृद्धा आश्रम में,

नवरात्रि में माता के आगमन में,
जोर शोर प्रबन्ध में लग जाते है,

😕

ये भक्त आपके माता,
इतने दोगले हो कर,

कैसे आपकी भक्ति का,
इतना अधिक ढोंग रचा लेते है !!

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