सब्र इतना,
कि प्रत्यक्ष आपके,
पलकें न उठाऊँ,
और
बेसब्री इतनी,
कि बिन आपके,
एक पल न बिताऊँ !!-
तुम्हारा कहा हर्फ़ हर्फ़,
याद है मुझे !
और तुम कमबख्त,
आज भी इन किताबों की
बात करते हो !-
जो हो जाओ,
घाट बनारस तुम,
मैं तेरे खातिर,
गंगा हो जाऊं !
जो हो जाओ,
सकरी गली बनारस की तुम,
मैं तेरे खातिर,
मुसाफ़िर हो जाऊं !
जो हो जाओ,
मणिकर्णिकम घाट तुम,
मैं तेरे ख़ातिर,
अग्नि चिता की हो जाऊं !-
मैं कतई ज़हर सी,
तुम अमृत का घूँट प्रिये,
मैं रोड साइड की पानी पूरी,
तुम गोलगप्पे 20 के 4 प्रिये,
मैं अल्हड़ अनाड़ी बेकार सी,
तुम तो लगते समझदार प्रिये,
मैं 65 वाली देसी दारू,
तुम हो टीचर्स ब्रांड प्रिये,
मैं पासिंग मार्क वाली छात्रा,
तुम करते हो गांव टॉप प्रिये,
मेरी तो बन जानी life तुमसे,
तुम सोचो क्या होगा तुम्हारा हाल प्रिये !!-
नवरात्रि के,
तृतीय दिवस की,
शुभकामनाएं,
उन लोगों को भी,
जो देवी माँ की,
आरती गाते है,
औऱ अपनी माँ को,
वृद्धा आश्रम में रखते है !!-
नवरात्रि के
दूसरे दिन की,
बधाई उन,
लोगों को भी,
जिनकी बात,
पर वजन ही,
बहन की गाली,
से आता है !!-
नवरात्रि की,
शुभकामनाएं,
उन लोगों,
को भी,
जो हर,
बात पर,
गाली माँ की,
देते है !!-
खा कर कसमें,
झूठी,
मेरी उम्र,
कम करता है,
कमबख्त,
उम्र भर साथ,
देने के,
करके वादे,
मेरी सांसे,
मुझसे,
छीनता है !!-
पुराने वर्ष औऱ,
नए वर्ष की,
चोंचले,
एक तरफ !
आपका हर,
परिस्थिति में,
मेरे साथ,
होना भोले !
इस दुनिया से,
करता है,
मुझे भिन्न,
मेरे भोले !!-
रहता तो,
है वो,
दिल में मेरे,
पर मेरे दिल,
का हाल नहीं,
समझता,
यूँ कभी कभी,
तो मासूम,
लगता है,
पर कमबख्त,
कभी फरेबी,
मुझे यार लगता है !!-