चलो आसिफा, तुम्हारे लिए कुछ लिख दूँ,
दो महीने बाद भी तुम्हें ज़िंदा रखने का इंतज़ाम कर दूँ ।-
वक्त आने पे सब कुछ किया जाएगा
तेरे हर एक सवाल का जवाब दिया जाएगा
तेरे साथ हर बो सुलूक़ किया जाएगा
भरी महफ़िल तुझे भी बदनाम किया जाएगा
बेवफ़ाई का भी तुझसे इन्तेक़ाम लिया जियेगा
वक्त आने पे सब कुछ किया जाएगा
धूल लगे आइनो अब साफ किया जाएगा
बंद पड़ी घडियों को अब चालू किया जाएगा
मोहब्बत की दीवार को फिर से ढहाया जायेगा
वक्त आने पे सब कुछ किया जाएगा
तेरे हर एक सवाल का जवाब दिया जाएगा
नफ़रत को तेरी फिर से तौला जाएगा
बाफादरी दिखाने का मौका अब नहीं दिया जाएगा
तेरे हर गुनाह का बदला तुझसे लिया जाएगा
जहर तुझे सरे बाजार दिया जायेगा
तू रुक जरा जिंदगी तेरा भी इंतेज़ाम किया जाएगा
वक्त आने पे सब कुछ किया जाएगा
तेरे हर एक सवाल का जवाब दिया जाएगा-
तेरे सज़दे में रह जाऊं मैं ज़माने तक
बस तू मेरे खाहीश का इंतजाम कर दे
समंदर के लहरें भी उठे तेरे मर्ज़ी से
बस तू अपने ताकत का मुस्तहब कर दे।।-
न जाने कैसे इम्तहान लेता है मुझसे मेरा ख़ुदा ।
मुझे हारने भी नही देता है पर हराने का इतंजाम कर रखा है पूरा ।।-
किताब ए माज़ी के पन्नों को पलटने के सिवा
वक़्त ए तन्हाई काटने का कोई इंतज़ाम नहीं।-
Wo mere marne ka intezam kr rahi thi
Mai to har roz mar raha tha
Wo mujhe jalane ka intezar kr rahi thi
Usse kya pata ham to khagh ban chuke the-
मुकाबला मेरा खुद से है, लड़ रहा हूँ मैं खुदा का नाम ले कर
उजाले के तलाश में निकला हूँ, बस्ते में शाम ले कर
कीमत माँगी है मुझसे ज़माने ने मोहब्बत करने की
निकला हूँ मैं आज अपने इश्क का दाम ले कर
लोगों ने मुझसे मेरी जात पूछी थी
पहचान कराने निकला हूँ मैं सारे इंतजाम ले कर
राहें भी नशे में डूबी नज़र आ रही है
लगता है गुज़री थी वो इनसे अपने आँखों का जाम ले कर
अपनी मंज़िल तक पहुँचने निकला है "अविनाश"
इरादों में अपना मुकाम ले कर...-
बेहद ही खासम-खास थे कुछ लोग
आम करना भी जरूरी था...
अब खुद पे लगे झूठे इल्ज़ामतों का
इंतजाम करना भी तो जरुरी था।-
मुझमें भी हैं कुछ खामियाँ,यूँ खामखाँ बदनाम ना कर। मैं भी एक इंसान ही हूँ,सुधरने का कुछ तो इंतजाम कर।।
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