Ink me
Or else you'll never know
the Real me-
14 JUL 2017 AT 22:24
लफ़्झ मेरे अश्क़ बन कर
नैनों से छलक गए
अंश मेरे शब्द बन कर
यूं ही कही भटक गए ।।
कोई आये, ए मेरे मन
बन के सावन इक नया
कलम नहीं
दवात बन कर
रंग दे पन्नो को फिर स्याह ।।-
9 OCT 2017 AT 1:09
चांद तो सबने बराबर बांट लिया,चांदनी का जिक्र कहो तो हम कर दें..एक व्रत का प्रकार ऐसा भी हो जाए,दो कदम तू चल दे,मंजिल पूरी हम कर दें...
-