"रंग-बिरंगी जग-महफिल में पथिक;
तू स्वयं को हुस्न पर मोहित न कर!
सदा आगे बढ़ अपने मंजिल की ओर;
तू हुस्न-परियों के पीछे समय ज़ाया न कर!!"
✍️R. K. Mishra✍️-
"माना कि मंजिल बहुत दूर है,
पर कभी मत रुकना यारों!
चलते चलते शरीर थक जाए,
पर मन को थकने मत देना यारों!!"-
खुद से खुद पर भरोसा रख
मिलेगी मंजिल कर ना शक
अपने दिल को जिन्दा रख।
कम समय में भी हौसले बुलंद रख
गिर गया तो डर मत
दूसरो पर विश्वास कम रख
अपने दिल को जिन्दा रख।।
मुसीबतों से डर मत
हुआ असफल तो,खुद से लड़ मत
सफलता जरूर मिलेगी,
हौसले को अपने दिल में जिन्दा रख।।
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लक्ष्य पा नहीं सकते
यानी कि हासिल नहीं कर सकते
पर उस रास्ते पर चल तोह सकते है न
अपने लक्ष्य को जी तोह सकते है न
💛1iaskisoch💛
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हौसला बाजार मे नहीं मिलता..
पैदा किया जाता है..
नीलकंठ तो बनना है सबको ...
पर सबसे जहर पिया नहीं जाता है..
तड़प हो तो.. पर्वत का सीना चीर नीर फूट पड़ता है..
कदम बढ़ाओ दोस्त ..upsc के जंग में मौका मांगा नहीं छीन
लिया जाता है.."
हार के बैठोगे तो खो जाओगे दुनिया की भीड़ में..
शान और पहचान बनाना है तो अपना सबकुछ दांव पर लगा दो...🎊🏆-
#IAS_MOTIVATION
उम्मुल खैर हड्डी की एक बीमारी के साथ पैदा हुईं, जिसकी वजह से 28 साल की उम्र तक उन्हें 15 से भी ज्यादा बार फ्रैक्चर का सामना करना पड़ा। बचपन निज़ामुद्दीन की झुग्गी बस्ती में गुज़रा। 9वीं क्लास में माता-पिता से अलग हो गईं, क्योंकि वे उन्हें आगे पढ़ाना नहीं चाहते थे। बच्चों को ट्यूशन पढ़ा कर आगे की पढ़ाई मुकम्मल की।
दिल्ली यूनिवर्सिटी से ग्रेजुएशन और JNU से पोस्ट ग्रेजुएशन किया और अब UPSC के एग्जाम में 420वां रैंक हासिल कर के साबित कर दिया है कि हौसले बुलंद हों तो कुछ भी नामुमकिन नहीं। उनहोंने अलग-अलग देशों में दिव्यांग लोगों के कार्यक्रम में भारत का प्रतिनिधित्व भी किया है।
#All_The_Best-