ठहर गई थी सांसें,
हवा भी मध्यम सा लगा
वो ज़ुल्फें, अदाएं, सुकुन देखकर
चांद ज़मीं पर उतरा सा लगा ।
-
Gagan Kumar
10 Followers 0 Following
Joined 24 September 2018
23 OCT 2022 AT 22:51
1 JAN 2022 AT 0:27
तारीख़ बदलते ही कैलंडर बदल जाएगा
मायूसी एक नया उम्मीद ढूंढ पाएगा
मौसम तो रहेगा दिसंबर सा ही, लेकिन,
जनवरी एक नया मिज़ाज लेकर आएगा।
......................DECEMBER 2021
JANUARY 2022........................
-
13 DEC 2021 AT 1:53
लोहार हूँ मैं,
छैनी-हथौड़े की मार भी हूँ मैं
पत्थर हूँ, तो,
पत्थर का बदलता आकार भी हूँ मैं।
#upsc_cse-
13 NOV 2021 AT 0:22
माँग कर बरसात दुआ में,
वो छाता लेकर निकल गए
जब खबर सुनी छत ढहने की,
तो इलज़ाम बरसात पर कर गए ।-
13 NOV 2021 AT 0:06
वक्त है, मोहलत भी
दिल है, मोहब्बत भी
तो कदर करना...
अभी जिंदा हूँ ।
जो फिक्र बाद होगी,
जो यादें बाद होगी
वो अभी करना...
अभी जिंदा हूँ ।
-
13 NOV 2021 AT 0:00
अखबार सा है आदमी आजकल,
जो सही तारीख पर काम का है
वरना रद्दी के समान सा है।-
6 NOV 2021 AT 23:13
वो ख्वाब, अहसास, मुहब्बत से भरी चिट्ठी किसी किताब में छुपी है,
दर्द तो है जनाब टूटे दिल का, जो दिल में नहीं शराब में छुपी है ।
-