वो जानवरों की डॉक्टर थी,
कई जानवरों की जानें बचाई होंगी
लेकिन उसे क्या पता था जिस जानवर
को वो आज बचा रही है
वही उसे एक दिन काट खायेगा।।-
देश तो आज़ाद हुआ है..
मगर अभी भी कहीं जगह..
इंसान के विचार नहीं बदले है..
और व्यहार नहीं बदले..
नारा तो ज़ोर ज़ोर से लगते है..
मगर इस देश में नारी सुरक्षित कहाँ है..
दफ़्तर से घर लौटते समय..
थोड़ा सा समय देरी हो जाती है ..तो..
तब उस समय दिल और दिमाग़..
संतुलन खोने लगता है..
देश तो अजाज़ है मगर..
इस देश में नारी सुरक्षा कहाँ है??
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ये चीखें यूँही गूँजती रहेंगी,
अखबार दरिंदगी से भरे होंगे,
हम तो बस ऑफिसों में बहस करते रहेंगे,
घर जाकर फिर tv पर एक और बहस सुनेंगे,
वो tv पर बैठे क्या गलत क्या सही की दलीलें देंगे,
नई नई खबरों से अपनी टीआरपी बढ़ाते रहेंगे,
तुम सोचते रहना,एक दिन तुम्हारे साथ भी ऐसा हो जाएगा,
जो सपनो में नही सोचा, वैसा कुछ घट जाएगा,
सब को अपनी पड़ी है, सब अपना अपना सोचते है,
किसके साथ बलात्कार हुआ, गूगल पर खोजते हैं,
तुम तो घर मे बैठो,तुम्हारे साथ क्या होगा,
जिसे जलाकर मार दिया,
कभी उसने भी ऐसा ही सोचा होगा।
जब सब सामने होता है फिर क्यों नही इंसाफ होगा,
बालिग- नाबालिग करते रहने से कुछ नही होता
संविधान क्यों नही कहता,दोषी कोई हो माफ नही होगा,
हम तो आम जनता है हमारी आवाज कौन सुनेगा,
जरा सोच कर तो देखो, सोचने से क्या क्या होगा।।-
यह वक़्त नही जज्बात का
यह वक़्त है बदले हालात का
उन वहशी दरिंदो के नाश का
यह वक़्त है बदलाव का...
उन दरिंदो को दिखाने का
इस धरती माँ को पवित्र बनाने का
यह वक़्त है बदलाव का
यह वक़्त है बदलाव का...
अब कोई निर्भया ना दोहराने का
दिशा (बदला नाम) को इंसाफ दिलवाने का
यह वक़्त है बदलाव का...
यह वक़्त है सबक सिखाने का - उन हैवानो को सूली पे चढ़ाने का
या जिंदा जलाने का
यह वक़्त है अन्नू दुबे का साथ निभाने का
यह वक़्त है - बहनो को बेखोफ बाहर जाने का
यह वक़्त है कानून में बदलाव लाने..
यह वक़्त है सबको समान आज़ादी दिलाने का..
यह वक़्त है बदलाव का
यह वक़्त है जागरूकता दिखाने का..-
उफ़ ये कुछ लोग जो मोमबत्तियां लेकर चल रहे हैं,
कुछ दिनों पहले इन्होंने रावण भी जलाया होगा,
और ये लोग रात ढले घर जब पहुचेंगे थके हारे,
इनकी बीवियों के देह पर पड़े नीले निशान,
दाल में ज्यादा नमक की कहानी कहेंगे।
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देश महान है,चिल्लाओ तुम अख़बारों में,
और लिखना कि देश में बुलेट ट्रेन जल्द ही आएगी,
फिर कौन सी फिल्म ज्यादा नंगी है,इसे न्यूज बनाना,
चौराहों पर गले में तख्तियां लटकाए पुरुष दिवस मनाना,
शाम ढले, लड़कियों को देखकर राक्षस बन जाना।
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जाओ भारत माता! मैं तो कहता हूं कि तुम महान हो,
तुम्हारे बेटे,तुम्हारी बेटियों को बोटी बोटी नोंच खाते हैं,
और फिर उगाते हैं लाशें तुम्हारी गोद में,
और तुम इन्हें पालती हो,तो हां तुम महान हो।
- आनन्द कुमार
©wings_of_pen
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कुछ है नहीं पास तो अच्छे बने बैठे हैं ।
कुछ होगा तो ये भी औकात दिखा सकते हैं ।।
गर मिल जाये अकेली लड़की इन्हें भी अंधेरे में ।
ये मोमबत्तियों 🕯वाले भी अपनी ज़ात दिखा सकते हैं ।।-
Asmita ki Jung
Jale bujhe sab khaw mere Mai bhi Jali in angaaro me, duina lekar mombatti aayi sadko par hatho me, Mai taar taar hui hinsa mere sath hui phir bhi tum ahinsa ka paath padhate ho kyu sadko par choraho par justice for Priyanka chillate ho mujhe candle March nhi chiye mujhe kyu un darindo ka khoon nhi pilate ho kyu sadko pr chorahao par justice for Priyanka chillate ho-
Human Rights are for humans, not for rapists & terrorists .
Jay hind! Jay bharat!-