कभी कभी ना अपने gut feeling (अंतर्ज्ञान) को reality check(वास्तविकता की जाँच) करते रहना बहुत जरुरी हैँ,,ना किसी guilty (अपराधी भाव से ),
और बिना किसी इंसल्ट
(अपमान की भाव से,,,-
मुफ्त में सिर्फ दुवाएं मिलते हैँ आज भी यहीं
सोचते हैँ,, मगर ना दुवाएँ भी कमानी पडती हैँ
किसी की विश्वास से,,-
ज़िद और आँसू से तुम जो चाहते हों
वो हासिल तो हों सकता हैँ मगर,,,
जो दुवाएँ से और तकदीर से मिलता हैँ,,
उसमे शांति और सुकून होता हैँ,,,-
कभी तुम अपने आपको खोने के करीब होते हों, तब तुम्हारा खोया हुआ प्यार तुमको ढूंढ़ते आए, तो समझ लेना,,,
वो तुम्हें तुमको लौटने आया हैँ,,,-
My frozen movements,,,
When you touches my arm and say,,, iam proud of you 🪷-
शब्द नहीं मेरे पास,,
फिलहाल मैं मौन में भी नहीं हूँ,,
दिमाग़ और दिल में बहुत सारे शोर चल रहा हैँ,,
मगर मैं फिलहाल चुप के शब्दों के मौन में हूँ,,,-
सुनो ना,,
तुम्हें,,,,मैं अपने बचपन के साथी चुनना पसंद करती हूँ,,, जो भी तेरे सांग मैं शरारते करती हूँ उस जगह को आजभी किसी को देना पसंद नहीं करती हूँ,,,-
मैं कुछ भी पहले की तरह लिख नहीं पा रही हूँ,
क्योँकि मैं पहले की तरह जी नहीं पा रही हूँ,,,-