लिख डाला इतिहास, सन् सैंतालीस की यादों का,
जब लावा फूटा था उस दिन, आजादी के जाबांजों का,
एक तिरंगा लहराया, उस दिन जब लाल किले की छाती पर,
एक सुबह सुनहरी आयी, भारत मां की माटी पर,
बिस्मिल,बोस,आज़ाद,भगत यूं ही नहीं मरे थे जी,
अंग्रेजी शासन के ताबूत में,मिट्टी वही भरे थे जी,
जिस डायर ने जलियांवाला हत्याकांड कराया था;
उस डायर को उधम सिंह ने अपनी गोली से मारा था,
आओ शपथ उठाते हैं, आजादी का सम्मान करेंगे
जिस देश की मिट्टी में जीते हैं, उसी के ही लिए मरेंगे।
- आनन्द कुमार-
उत्तर हूं, प्रेम भरे निःश्वासों का।
Insta📷- @wings_of_pen
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किसान के खेत में
सांप घुस आया है,
खेत में रहने वाले चूहे
चीख पुकार मचा रहे हैं
सांप डर रहा है,
किसान की कड़क मजबूत लाठी से,
किसान चूहों को भगाए,
तो भूखा सांप उसे ही डंस कर मार देगा,
किसान सांप को मारे,
तो चूहे उसकी फ़सल खा जाएंगे
किसान बेमौत मर जाएगा।
अंततः मरना किसान को ही है,
बार बार, हर बार और ना जाने कितनी बार...
- आनन्द कुमार-
कि ये अंतिम क्षण हैं...
विदा के पल
उदासी साथ लाते हैं…
उदासी वो अंतिम भावना है जो तुम देख सकोगे मुझमें;
उदास कविताएं मेरी आत्मा की आवाज ही तो है,
कि इसके बाद, इसके अंत में कुछ नहीं...
तुम्हें रोकना, तुम्हें बांधना ही तो होगा
जो अब और नहीं,चलो...
अब
लेते हैं विदा...
- आनन्द कुमार-
खंजर खूबसूरत हो तो शायद दर्द नहीं होता,
शायर ये आखिरी शेर कहकर मरने वाला है
- आनन्द कुमार-
चिरनिद्रा ही चिरशांति का सबसे उचित विकल्प है।
आनन्द कुमार । @wings_of_pen-
ख्वाब कुछ मेरे,
कुछ पूरे कुछ अधूरे।
शाम हो रहा हूं मैं,
शायद जल्दी है उसे भी
मुझको अपने पास बुलाने की,
ठहरो जरा सा
रो लूं मैं आज कुछ,
अपने उन गुनाहों पर,
जिनकी सजा मिली मुझे।
लेकिन मैंने वो किये ही नहीं थे,
शाम हो गई है,
सूरज बुझ गया है,
और ये रात अब कभी खतम नही होगी।
आनन्द कुमार-
रंग बरसे........
होली के इस रंग बिरंगे पावन पर्व हम आपको हार्दिक बधाई एवं शुभकामनाएं देते हैं। आपका जीवन सुखमय,समृद्ध और उल्लसित हो, ईश्वर से यही कामना है।
तो, भर लीजिए जीवन को रंगों से सराबोर,बना लीजिए आनंदमय और बोलिए हैप्पी होली.......
रंगोत्सव की असीम,अशेष शुभकामनाएं
- आनन्द कुमार-
विश्व - नियंता! हे निराकार!
शिव! महिमा तेरी अपरम्पार,
तुम शक्तिस्त्रोत,तुम मोक्षमार्ग,
वंदन शत शत हे महाकाल !
- आनन्द कुमार
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